---विज्ञापन---

West Bengal: ‘हिंसा क्यों हुई…?’, अधीर रंजन ने ममता सरकार से पूछा सवाल, कलकत्ता HC में लगाई याचिका

West Bengal: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान जमकर हिंसा हुई। 16 लोग मारे गए। 200 से ज्यादा घायल हुए। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने समेत तीन मांगें उठाई […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 10, 2023 16:55
Share :
West Bengal Panchayat Election 2023, Congress, Adhir Ranjan Chowdhary, Calcutta High Court
Adhir Ranjan Chaudhary And Mamta Banerjee

West Bengal: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग के दौरान जमकर हिंसा हुई। 16 लोग मारे गए। 200 से ज्यादा घायल हुए। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने समेत तीन मांगें उठाई हैं। साथ ही ममता सरकार से सवाल किया कि हिंसा क्यों हुई?

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी तीन मांगे हैं। पहला पीड़ितों को मुआवजा राशि दी जाए, दूसरा घायलों का पूरा इलाज कराया जाए और तीसरा इलाज के साथ-साथ वित्तीय सहायता दी जाए। हमने यह भी मुद्दा उठाया कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा होने की पूरी संभावना थी तो पहले से राज्य सरकार की ओर से तैयारी क्यों नहीं की गई। साथ ही हिंसा क्यों हुई? इतने लोग मारे गए, इसकी सख्त रूप से जांच होनी चाहिए।

हाईकोर्ट ने स्वीकारी याचिका

कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस की खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है। हालांकि सुनवाई की तारीख का खुलासा अभी नहीं हुआ है।

19 जिलों के 398 बूथों पर पुर्नमतदान

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव हुए। इस दौरान हुई हिंसा के बाद सोमवार को 19 जिलों के 698 बूथों पर पुनर्मतदान हो रहा है। शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान छह जिलों में 16 लोगों की हत्या हुई थी। इसके साथ ही एक महीने में जान गंवाने वालों की संख्या 35 हो गई।

8 जून को चुनावों का ऐलान होने के बाद से 7 जुलाई तक 19 लोगों की जान गई थी। 8 जुलाई को हुई 16 मौतों में से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। यहां 200 लोग घायल भी हुए।

सबसे ज्यादा टीएमसी कार्यकर्ताओं की जान गई

वहीं, सबसे ज्यादा तृणमूल के 9 कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई। माकपा के 3 लोग मारे गए। पोलिंग स्टेशनों पर सुरक्षाबलों के तैनात न होने की खबरों को लेकर बीएसएफ डीआईजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें राज्य के सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी थी। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि जानकारी देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी।

यह भी पढ़ें: Centre Ordinance: दिल्ली अध्यादेश पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, LG को पार्टी बनाने का निर्देश, 17 जुलाई को सुनवाई

First published on: Jul 10, 2023 04:55 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें