मनोज पांडे (कोलकाता)
West Bangel Flood: पश्चिम बंगाल की मालदा जिले में बनी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। पश्चिम बंगाल सरकार ने पश्चिम बर्धमान, बांकुड़ा, बीरभूम, पूर्व बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक डिजिटल बैठक की और उन्हें तत्काल सभी प्रकार के एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिये गये। पड़ोसी राज्य झारखंड के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही, जिसके कारण राज्य के सात जिलों में बाढ़ आने की आंशका जताई गई है। पश्चिम बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव बनने की वजह से लगातार बंगाल में करीब 3 दिन से बारिश हो रही है।
बाढ़ पर नियंत्रण के लिए बनाई गई योजना
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को बंगाल में सबसे ज्यादा बारिश होगी। अनुमान है, कि अगले दो दिन तेज बारिश होगी। गुरूवार तक बारिश होने की संभावना है। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा भी है। जगह- जगह पर दुर्गा पूजा के पंडाल बनाए जाते है। लोगों की आवाजाही सबसे ज्यादा दुर्गा पूजा में होती है। ऐसे में बाढ़ की स्थिति पर कैसे नियंत्रण पाया जाए। इस पर प्रशासन ने आज से ही काम करना शुरू कर दिया है।पश्चिम बंगाल के मालदा में बाढ़ की स्थिती बेहद गंभीर है। कई घरों में पानी घुस गया है। जिसकी वजह से लोगों को खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ को देखते हुए सरकार इन लोगों को ऊंचे स्थान रहस्यमारू में शिफ्ट कराने व्यवस्था की जा रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर बुलाई गई बैठक के दौरान सिंचाई एवं जलमार्ग तथा आपदा प्रबंधन विभागों के अधिकारियों और एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि जिलों में बारिश, तटबंध टूटने और स्थिति बिगड़ने की हर पांच घंटे की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के साथ साझा की जाएगी। मौसम विभाग ने बताया कि झारखंड में एक अक्टूबर को ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में 50 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। सिंचाई और जलमार्ग विभाग के कार्यकारी अभियंता इस संबंध में जिला प्रशासन के साथ संपर्क बनाए रखेंगे।
बाढ़ से राहत की तैयारी
बाढ़ से राहत के लिए पश्चिम बंगाल सरकार अब पूरी तरह से तत्पर हो चुकी है। उसके लिए सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। और कड़े कदम भी उठा रही है। सरकार के आदेश पर सुरक्षा के लिए बाढ़ से लड़ने वाली अन्य सामग्रियों जैसे रेत की बोरियों आदि सहित राहत सामग्री का पर्याप्त भंडार निचले इलाकों में स्टॉक में रखावाया जाएगा। राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रकाश की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।