Jammu Kashmir Rajouri Rare Disease: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में लोग रहस्यमयी बीमारी से मर रहे हैं। ताजा मामला एक बच्ची की मौत होने का है। उसके सगे 5 भाई-बहन भी बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। खवास ब्लॉक में पड़ने वाले बडाल गांव में फैली रहस्यमयी बीमारी से पिछले डेढ़ महीने में 3 परिवारों के 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
आज हुई बच्ची की मौत बीमारी से हुई 10वीं मौत है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। डॉक्टरों को अभी तक मौत होने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। PGI, AIIMS, NCDC के विशेषज्ञ गांव का दौरा कर चुके हैं और कई सैंपल लेकर लैब में टेस्टिंग के लिए भेज चुके हैं। देखने में कोई बीमारी पकड़ में नहीं आ रही है। SMGS अस्पताल में बच्ची का शव रखा गया है। बाकी शव पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को दे दिए गए हैं।
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एक महिला और 5 बच्चे अभी तक उपचाराधीन
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक बच्ची के 5 सगे भाई-बहन काफी बीमार हैं। इसमें से 3 को जम्मू के SMGSḤ अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं और एक की हालात काफी खराब है। बाकी 2 का इलाज राजौरी के राजकीय मेडिकल कॉलेज (GMC) में चल रहा है। एक महिला और 5 बच्चे पहले से जम्मू और राजौरी के अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
दरअसल गत 8 दिसंबर को गांव निवासी मुहम्मद अफजल और उसके परिवार के सदस्य बीमार पड़े। अफजल ने उसी दिन दम तोड़ दिया था। कुछ दिन में एक-एक करके उसके 4 बच्चों ने भी दम तोड़ दिया। पत्नी अभी जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज में उपचारधीन है और जिंदगी-मौत के बीच झूल रही है। अफजल के घर में किसी का निधन होने पर धार्मिंक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें रिश्तेदार, जानकार और दोस्त शिरकत करने आए थे।
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बीमारी का असर बच्चों के दिमाग पर पड़ रहा
रिपोर्ट के अनुसार, अफजल के यहां धार्मिक कार्यक्रम में असलम का परिवार भी शामिल हुआ था, लेकिन खाना खाने के बाद असलम के सभी 6 बच्चे अचानक बीमार पड़ गए। उन्हें उल्टियां लगने लगीं और बुखार चढ़ गया। वे बेहोश होने लगे तो सभी को रात को ही उप-जिला अस्पताल कोटरंका ले जाया गया। यहां बच्चों को प्राथमिक उपचार देकर राजौरी रेफर कर दिया गया।
राजौरी से जहूर अहमद (14), नवीना कौसर (8) और यासमीन अख्तर (15) को हालत ज्यादा बिगड़ने पर जम्मू रेफर कर दिया गया। यहां 4 घंटे बाद नवीना कौसर ने दम तोड़ दिया। राजौरी में भर्ती मुहम्मद मारूफ (10) को भी हालत बिगड़ने पर जम्मू रेफर कर दिया गया। सफीना कौसर और जबीना कौसर अभी भी राजौरी में भी भर्ती हैं, लेकिन उनकी हालत में सुधार नजर नहीं आ रहा है।
राजौरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एएस भाटिया और SMGS अस्पताल जम्मू के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दारा सिंह कहते हैं कि मामला फूड पॉइजनिंग का लग रहा है, लेकिन अब इतने दिन बाद बच्ची की मौत होने से केस कुछ और ही लग रहा है। रहस्यमयी बीमारी हो सकती है, क्योंकि जो बच्चे बीमार पड़े हैं, उनका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। बीमार पड़ने पर दवाई दी जा सकती है, लेकिन बीमारी का असर दिमाग पर दिख रहा है।
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