मुंबई: सामना संपादकीय में बीजेपी पर हमला बोला गया है। संपादकीय में लिखा गया कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार को असंवैधानिक तरीके से सत्ता पर बैठाया गया है। यह सरकार यानी महाराष्ट्र की इज्जत की धज्जियां उड़ाने वाली है। इस बदनामी को रोकने के लिए ही तमाम महाराष्ट्र प्रेमियों का एक अतिविशाल मोर्चा आज मुंबई में निकलने वाला है।
महाराष्ट्र को दिल्लीश्वरों के पैरों में गिरवी रखने की कार्यवाही खुलेआम जारी है। इसलिए महाराष्ट्र को दिल्ली की राह में पायदान बनाने वाली महाशक्ति के विरोध में लड़ाई का यह बिगुल है।
शिवाजी महाराज विदेशी शत्रु के साथ लड़े यह जितना सच है उतना ही प्रखर सत्य है कि विदेशी शासकों के आश्रय में छिपे उनके मातहत लोगों से भी छत्रपति शिवाजी महाराज किसानों और मावलों की मदद से लड़े।
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महाराष्ट्र के साथ बेईमान
आज भी महाराष्ट्र के बेईमान दिल्ली की महाशक्ति की आड़ में छिपकर शिवराय के हिंदवी स्वराज्य पर आघात कर रहे हैं। महाराष्ट्र को नेस्तनाबूद करना चाहते हैं। महाराष्ट्र के चार लाख करोड़ के उद्योग को दिल्ली की महाशक्ति गुजरात भगा ले गई। इससे दो लाख मराठी युवाओं का रोजगार डूब गया। एक के बाद एक परियोजनाएं राज्य के बाहर जा रही हैं। उसी समय मुंबई के मौके के भूखंड दिल्ली की मर्जी के बिल्डरों को दान में दिए जा रहे हैं।
वर्ली के समुद्र किनारे की डेयरी की जमीन पर वैश्विक दर्जे का मत्स्यालय और ‘अर्बन फॉरेस्ट’ बनाने की योजना ठाकरे सरकार ने स्वीकृत की। मुंबई के वैभव में चार चांद लगाने वाली इस योजना को रद्द करके मिंधे-फडणवीस सरकार ने इस मौके की जमीन को अब बिल्डरों के गले में डाल दी है।
राजभवन में बैठकर छत्रपति शिवराय का अपमान करते हैं
दिल्ली के आदेश पर मुंबई और महाराष्ट्र में बिल्डरों का राज शुरू हो गया है और इसके कारण आम जनता को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके विरोध में महाराष्ट्र प्रेमी लाखों की संख्या में आज के मोर्चे में शामिल होंगे। राज्यपाल पद पर आसीन व्यक्ति महाराष्ट्र के राजभवन में बैठकर छत्रपति शिवराय, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले का अपमान करते हैं और मिंधे सरकार उस अपमान का समर्थन करती है।
गैरकानूनी सरकार सत्ता में बैठी है
छत्रपति शिवराय, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा फुले जैसे महान महापुरुषों का अपमान हो रहा है तो मराठी जनता क्या शांत बैठेगी? यह जनता शिवराय, डॉ. आंबेडकर, महात्मा फुले की जय-जयकार का बुलंद नारा देते हुए महामोर्चा में शामिल होगी। पड़ोस के कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री बोम्मई ने तो महाराष्ट्र की मिंधे सरकार को साफ भेड़-बकरी बना दिया है। क्योंकि महाराष्ट्र में एक टेढ़ी पूंछ की गैरकानूनी सरकार सत्ता में बैठी है और दिल्ली की गुलाम है। महाराष्ट्र की जनता को भी दिल्ली का गुलाम बनाने का उनका इरादा है। महाराष्ट्र को बेचकर दिल्ली के चरणों में उन्हें खोके अर्पण करने हैं।
महामोर्चा निकलेगा ही, आड़े मत आना
इसीलिए छत्रपति शिवराय, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महात्मा फुले जैसे आराध्यों का अपमान सहा जा रहा है। लेकिन महाराष्ट्र की जनता अपमान सहन नहीं करेगी। वह बाघ की छाती और सिंह की हिम्मत से महामोर्चा में शामिल होगी। महाराष्ट्र प्रेमियों के मोर्चे के आड़े आए तो याद रखो! बीजेपी और शिंदे सरकार को चेतावनी, महामोर्चा निकलेगा ही , आड़े मत आना।
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