Jhansi Encounter: 12वीं पास असद अहमद का जुर्म से कुछ खास रिश्ता नहीं था। उसने लखनऊ के बड़े स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी। आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश जाना चाहता था, लेकिन पहले पिता अतीक अहमद, फिर चाचा अशरफ के जेल जाने और फिर अपने दोनों बड़े भाइयों के सरेंडर के बाद वह जुर्म की दुनिया में उतर गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहली बार उसका नाम उमेश पाल हत्याकांड में सामने आया और हत्याकांड के 50 दिनों के अंदर पुलिस ने उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में गुरुवार को एक बड़ा घटनाक्रम उस वक्त सामने आया जब यूपी एसटीएफ ने झांसी के पास मामले के मुख्य आरोपियों में शामिल असद को ढेर कर दिया। उसके साथ शूटर गुलाम को भी मार गिराया गया। असद अहमद उमेश पाल की हत्या में वांटेड था और पांच लाख रुपये का इनामी भी था।
पांच लाख रुपये का इनामी असद पूर्व सांसद अतीक अहमद का बेटा था। असद उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और फरार चल रहा था। रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस को पता चला है कि अतीक ने अपने बेटे असद को अपने साथियों के माध्यम से उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का निर्देश दिया था।
#WATCH | Former MP Atiq Ahmed's son Asad, aide killed in an encounter by UP STF in Jhansi
---विज्ञापन---Visuals from the encounter site pic.twitter.com/kL3fUrr7S7
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 13, 2023
पढ़ाई के लिए जाना चाहता था विदेश
अतीक के साबरमती और अशरफ के बरेली जेल में बंद होने के बाद गैंग की जिम्मेदारी अतीक के दोनों बड़े बेटों उमर और अली ने संभाली, लेकिन पिछले साल अगस्त में दोनों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद पिता को गैंग को संभालने की जिम्मेदारी असद ने संभाली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असद अहमद प्रयागराज के बजाय लखनऊ में रहकर पिता के गैंग को ऑपरेट करता था। असद ने लखनऊ के ही एक टॉप स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहता था, लेकिन उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हो पाया।
बता दें कि अतीक के कुल पांच बेटे हैं। दो बड़े बेटों के सरेंडर करने और असद के एनकाउंटर के बाद अतीक के दो छोटे बेटे बाल सुधार गृह में हैं। अतीक के दोनों छोटे बेटे आजम और अबान नाबालिग हैं। आजम 10वीं जबकि अबान 8वीं का स्टूडेंट है।
क्या है उमेश पाल हत्याकांड?
फरवरी में उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की प्रयागराज में उनके आवास के बाहर असद और उनके सहयोगियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उमेश पाल विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य चश्मदीद गवाह था, जिसमें अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ कथित रूप से शामिल हैं।