Turkiye Earthquake: आधी रात मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल पर कुदरत ने विनाशकारी खेल खेला। यहां 7.8 की तीव्रता से भूकंप आए। सबसे ज्यादा तबाही तुर्किये (Turkiye Earthquake) और सीरिया में हुई है।
अब तक 2300 से अधिक लोगों की जान चुकी है। जबकि 5 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। मलबे में दबी जिंदगी को तलाशने के लिए राहत बचाव का काम जारी है। लेबनान और इजराइल में झटके महसूस किए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।
तुर्किये में आए तीन बड़े झटके
पहला झटका- सुबह 4 बजे, तीव्रता 7.8
दूसरा झटका- सुबह 10 बजे, तीव्रता 7.6
तीसरा झटका- दोपहर 3 बजे, तीव्रता 6.0
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10 हजार पहुंच सकती है मौतों की संख्या
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने दावा किया है 100 साल बाद इतना विनाशकारी भूकंप आया है। तुर्किये में अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।
USGS ने कहा, 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 30 हजार लोगों की जान गई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
Damaging M7.8 EQ hit southern Turkey near the Syrian border ~4am local time. PAGER is red for this event; extensive damage is probable. Our hearts go out to those affected. See @Kandilli_info for local info. https://t.co/dMyc6ZVrE1 https://t.co/0OxrznZf1v pic.twitter.com/eco071JqVm
— USGS Earthquakes (@USGS_Quakes) February 6, 2023
एपिसेंटर था तुर्किये का गाजियांटेप शहर
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में सबसे ज्यादा तबाही हुई है।
एक साल में 33 हजार भूकंप आए
तुर्किये को भूकंप के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। तुर्किये के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, ‘2020 में 33 हजार से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें से 322 भूकंप की तीव्रता 4.0 से अधिक थी।
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क्यों आता है तुर्किये में बार-बार भूकंप?
तुर्किये में यहां बार-बार भूकंप क्यों आते हैं? जवाब है टेक्टोनिक प्लेट्स। तुर्किये की आबादी करीब 8 करोड़ है। यह देश 4 टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है। एक प्लेट के हिलने से भी पूरा क्षेत्र जोरदार झटके महसूस करता है। तुर्किये का बड़ा हिस्सा एनोटोलियन प्लेट पर है, जो दो प्रमुख प्लेट यूरेशियन, अफ्रीकी और एक छोटी अरेबियन के बीच है। अफ्रीकी और अरब प्लेट जैसे शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्किये डोलने लगता है।
जब हिंद महासागर में आया था 4 मिनट वाला भूकंप
हर साल दुनिया में 20 हजार से ज्यादा भूकंप आते हैं। इनमें से 100 भूकंप से ज्यादा नुकसान होता है। अमूमन भूकंप 2 या चार सेकेंड के लिए आते हैं, लेकिन इतिहास का सबसे ज्यादा देर रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। 10 मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
किस तीव्रता के झटके पर होता है नुकसान?
0 से 1.9: सिर्फ सिस्मोग्राफ से पता चलता है।
2 से 2.9: हल्का कंपन।
3 से 3.9: जैसे आपके करीब से कोई बड़ा वाहन गुजर जाए।
4 से 4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंकी फोटो फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9: फर्नीचर व अन्य भारी सामान हिल सकते हैं।
6 से 6.9: इमारतें दरक सकती हैं।
7 से 7.9: इमारतें ढह जाती हैं।
8 से 8.9: इमारतों समेत पुल भी ढह जाते हैं।
9 से ज्यादा: भयंकर तबाही। सुनामी का खतरा रहता है।
अब जानिए दुनियाभर में आए 10 बड़े भूकंप
तुर्की और सीरिया जैसे विनाशकारी भूकंप पहले भी आए हैं। आइए ऐसे ही 10 बड़े भूकंप को पढ़िए…
1- जापान: 11 मार्च 2011 को आए भूकंप के झटकों ने पूरे देश को खंडहर के शहर में तब्दील कर दिया था। तब अधिकारिक तौर पर 18 हजार लोगों की जान गई थी। इस भूकंप की तीव्रता 9 मापी गई थी।
2- नेपाल: 25 अप्रैल 2015 को 8.1 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। इसमें 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। यहां आए भूकंप के झटके भारत, चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान तक महसूस किए गए थे।
3-चिली: 22 मई 1960 को चिली में 9.5 तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 12 हजार लोगों की जान गई थी। भूकंप से उठी सुनामी से जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में करीब 20 हजार लोग मारे गए थे।
4- अमेरिका: 27 मार्च 1964 को अमेरिका के अलास्का में 9.3 तीव्रता से भूकंप आया था। 200 की मौत और 8 हजार लोग घायल हुए थे।
5- श्रीलंका: 26 दिसंबर 2004 को श्रीलंका में आए भूकंप का असर भारत पर भी पड़ा था। इसकी तीव्रता 9.2 थी। भूकंप के कारण सुनामी का आ गई थी और समुद्र किनारे बस शहरों में काफी नुकसान हुआ था। श्रीलंका में 10 हजार तो भारत में करीब 5 हजार की जान गई थी।
6-इंडोनेशिया: 11 अप्रैल 2012 को इंडोनेशिया और सुमात्रा में भूकंप से तबाही हुई थी। 8.6 तीव्रता से आए इस भूकंप से 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
7- भारत: 26 जनवरी 2001 को गुजरात के कच्छ भुज में आए भूकंप से 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसकी तीव्रता 7.7 थी।
8- क्वेटा: 31 मई 1935 को ब्लूचिस्तान के क्वेटा में भूकंप आया था। 7.7 तीव्रता थी और 60 हजार से ज्यादा मारे गए थे। तीन लाख मकान ढह गए थे।
9- पीओके: 2005 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भूकंप आया था। उस दौरान वहां 86 हजार लोगों की मौत हुई थी।
10- हैती: 12 जनवरी 2010 को हैती में 7 की तीव्रता से भूकंप आया था। तीन लाख लोगों की मौत हुई थी। सबसे ज्यादा जान राजधानी पोर्ट ऑफ प्रिंस में गई थी।
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