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ट्रंप टैरिफ विवाद के बीच बड़ा खुलासा, ICRIER ने बताया भारत को कैसे और कितना होगा नुकसान?

Trump Tarrifs Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिस पर विवाद छिड़ा हुआ है। इस टैरिफ पर ICRIER की रिपोर्ट आई है, जिसमें टैरिफ से भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 17, 2025 22:24
Trump Tarrifs | Donald Trump | Tarrif Imapct
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ बतौर पेनल्टी लगाया है।

Trump Tarrif Latest Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है और टैरिफ के दायरे में भारत का अमेरिका को किया जाने वाला 70% निर्यात आ रहा है। इसका खुलासा इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स (ICRIER) की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में ट्रंप टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों का खुलासा करने के साथ-साथ सुझाव दिया गया है कि भारत टैरिफ को लेकर अमेरिका से बातचीत करे और व्यापार का विविधीकरण करे।

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60.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर निर्यात होगा प्रभावित

ICRIER की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका भारत को करीब 70 प्रतिशत निर्यात करता है, जिसका मूल्य 60.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है, लेकिन यही निर्यात अब 50 प्रतिशत टैरिफ के दायरे में आ गया है। यह निर्यात अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 1.56 प्रतिशत और कुल निर्यात का 7.38 प्रतिशत है। वहीं भारत से निर्यात न होने से 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

भारतीय श्रम प्रधान सेक्टर भी होंगे प्रभावित

ICRIER की रिपोर्ट का टाइटल ‘नेविगेटिंग ट्रम्प्स टैरिफ ब्लो’ है, जिसे अशोक गुलाटी, सुलक्षणा राव और तनय सुंतवाल ने लिखा है। रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि ट्रंप टैरिफ का असर भारत के श्रम प्रधान सेक्टर जैसे टेक्सटाइल, ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स और एग्रीकल्चर पर ज्यादा पड़ेगा। यह सेक्टर न सिर्फ अमेरिका को निर्यात करते हैं, बल्कि रोजगार पैदा करने के साथ-साथ लाखों श्रमिकों और किसानों की कमाई का बहुत बड़ा साधन भी हैं।

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भारत पर लगा अन्य देशों से ज्यादा टैरिफ

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को बांग्लादेश, पाकिस्तान और वियतनाम की तुलना में 30 प्रतिशत से ज्यादा टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। 11.9 अरब अमेरिकी डॉलर के ज्वेलरी इंपोर्ट को तुर्की, वियतनाम और थाईलैंड की तरह कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका को भारत के निर्यात का 3 प्रतिशत हिस्सा ऑटो पार्ट्स सेक्टर से जाता है और यह सेक्टर भी ट्रंप टैरिफ के कारण असुरक्षित है।

सरकार कर रही टैरिफ इम्पैक्ट की जांच

रिपोर्ट में तर्क दिया गया कि ट्रंप टैरिफ से कृषि क्षेत्र से झींगा निर्यात सबसे बुरी तरह प्रभावित होगा। हालांकि संसद के मानसून सत्र में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि केंद्र सरकार ट्रंप टैरिफ के असर की जांच कर रही है और राष्ट्रीय हितों में सभी आवश्यक कदम उठाएगी। रूस से तेल के आयात पर विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और एनर्जी सिक्योरिटी के लिए तेल का आयात जारी रखेगा।

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वार्ता के लिए भारत ने जताई प्रतिबद्धता

वहीं MEA ने कहा कि भारत को निशाना बनाना अनुचित और अविवेकपूर्ण है। किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। भारत और अमेरिका ने मार्च 2025 में अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के लिए बातचीत शुरू की थी, जिसके पूरा होने का लक्ष्य अक्टूबर-नवंबर 2025 तक है। हालांकि अभी अमेरिका ने बात करने से इनकार है, लेकिन भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए प्रतिबद्ध है।

First published on: Aug 16, 2025 04:04 PM

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