नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ लंबित जांच में पूरा सहयोग देंगी और वे अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगी।
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#BREAKING : तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी
कोर्ट ने कहा – 'तीस्ता महिला हैं, दो महीने से जेल में हैं। 7 दिन तक पूछताछ हो चुकी है' @PMishra_Journo pic.twitter.com/KfQN9AUnAG
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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उसने इस मामले पर केवल अंतरिम जमानत के दृष्टिकोण से विचार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर इस अदालत द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से स्वतंत्र और अप्रभावित रूप से फैसला करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘तीस्ता महिला हैं, दो महीने से जेल में हैं और उनसे 7 दिन तक पूछताछ हो चुकी है।’
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गंभीर चिंता जताई
तीस्ता सीतलवाड़ को दो महीने से अधिक समय तक हिरासत में रखने के तरीके के बारे में गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सवाल किया था कि गुजरात उच्च न्यायालय ने छह सप्ताह के बाद जवाब मांगने के लिए नोटिस कैसे जारी किया?
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने यह भी कहा, इस मामले में कोई अपराध नहीं है जिसके लिए जमानत नहीं दी जा सकती, वह भी एक महिला को। न्यायाधीशों ने कहा कि सीतलवाड़ दो महीने से अधिक समय से जेल में हैं और अभी तक कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है। पीठ में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया शामिल थे। उन्होंने सीतलवाड़ की हिरासत से संबंधित कई सवाल उठाए।
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