Bengal News Suvendu Adhikari Mamata Banerjee Police VIkash Singh: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी नेता विकास सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की पुलिस बेशर्म हो गई है। विकास सिंह की गिरफ्तारी अपमानजनक है। मैं इसकी निंदा करता हूं। वहीं, दूसरी तरफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की टीम ने कोलकाता में 6 ठिकानों पर छापेमारी की।
‘ममता बनर्जी की पुलिस शर्म करो’
सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि ममता बनर्जी की पुलिस शर्म करो। उन्होंने कहा कि बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र के संयोजक और बीजेपी नेता विकास सिंह को संदेशखाली घटना (SandeshKhali Incident)में झूठे आरोप में 11 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। बशीरहाट सब डिविजनल कोर्ट ने कल उन्हें जमानत दे दी, लेकिन रिहा होने के बाद बेशर्म पुलिस ने उन्हें कोर्ट परिसर में ही दोबारा गिरफ्तार कर लिया।
Mamata Police shame on you.
---विज्ञापन---BJP Leader Vikash Singh who is the Convenor of the Basirhat Lok Sabha Constituency was arrested day before
yesterday on false and frivolous charges in the Sandeshkhali incident.
The Basirhat Subdivisional Court granted him bail yesterday.
The… pic.twitter.com/HncmJ0K2pm— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) February 13, 2024
‘आकाश सिंह को गिरफ्तार करना अपमानजनक’
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आकाश सिंह को इस तरह गिरफ्तार करना अपमानजनक है। मुझे उम्मीद है कि न्यायपालिका पुलिस की ज्यादतियों पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा कि मैं इस अनैतिक और अवैध गिरफ्तारी की निंदा करता हूं।
कोलकाता में 6 ठिकानों पर ईडी की रेड
इससे पहले, कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने 6 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने यह रेड राशन घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में डाली है। ईडी की टीम फिलहाल 6 स्थानों पर जांच कर रही है। बंगाल में यह घोटाला राशन वितरण में सामने आया था। जांचकर्ताओं और बंगाल भाजपा नेताओं का दावा है कि यह घोटाला एक हजार करोड़ से कम का नहीं है। इनका यह भी दावा है कि यह घोटाला पिछले एक दशक से अधिक समय से चल रहा है और कोविड के वर्षों के दौरान इसमें तेजी आई है।
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए लोगों तक पहुंचता है अनाज
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध चावल मिलों और आटा मिलों को खरीदे गए गेहूं को पीसने के लिए भेजा जाता है। इसके बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उचित मूल्य राशन की दुकानों से लाभार्थियों को बांटा जाता है। सरकारी वितरक मिल मालिकों से गेहूं उठाते हैं और उन्हें राशन की दुकानों में आपूर्ति करते हैं। प्रत्येक वितरक के पास संचालन का एक निश्चित क्षेत्र होता है और वे कितनी दुकानों पर अनाज वितरित कर सकते हैं, इसकी संख्या भी पहले से तय होती है। वितरक मिलों से कितनी मात्रा में अनाज खरीद सकते हैं, यह भी निश्चित होता है और उनकी डिलीवरी रसीदों में इसका जिक्र किया जाता है।
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