Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मामले में गंभीर टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें। हाईकोर्ट में ASI ने हलफनामा दिया है कि वह अपने सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं करेगा और दीवार आदि के किसी भी हिस्से को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। फिर ASI सर्वे से ऐतराज क्यों हैं? वैज्ञानिक सर्वेक्षण में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि सर्वे हो जाने दीजिए। रिपोर्ट को बंद लिफाफे में जमा होने दीजिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया- कोई खुदाई नहीं होगी
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश को दोहराते हुए कहा कि कोई खुदाई नहीं होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने सुनवाई की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की याचिका को खारिज करते हुए ASI सर्वेक्षण की अनुमति दी थी। इसके कुछ घंटों बाद मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
Supreme Court declines to stay the scientific survey by the Archaeological Survey of India (ASI) of the Gyanvapi mosque premises.
Supreme Court says that ASI has clarified that the entire survey would be completed without any excavation and without causing any damage to the… pic.twitter.com/Q2lF2uOkRD
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 4, 2023
सर्वे में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं
वाराणसी में ASI की 61 सदस्यीय टीम सुबह आठ बजे से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। वीडियोग्राफी कराई जा रही है। दोपहर 12 बजे नमाज के लिए सर्वे रोका गया था। इसके बाद तीन बजे से फिर सर्वे शुरू हुआ है। एएसआई के साथ हिंदू पक्ष है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे में शामिल होने से इंकार कर दिया है। प्रदेश भर में अलर्ट है। खुफिया एजेंसियों के अलावा लोकल इंटेलिजेंस को भी अलर्ट किया गया है।
खुदाई नहीं तो कैसे होगा सर्वे?
अदालत ने सख्त हिदायत दी है कि ज्ञानवापी परिसर की खुदाई नहीं होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर सर्वे कैसे होगा? दरअसल, एएसआई टीम जीपीआर यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। इसमें रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के जरिए जमीन के अंदर या दीवार के भीतर क्या है, इसका पता लगाया जा रहा है।
वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग पद्धति से साक्ष्यों की जांच करेंगे और दीवारों, नींव और मिट्टी के रंग में आए परिवर्तनों की भी जांच करेंगे।
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