Sabse Bada Sawal, 23 May 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं देश के अन्नदाता किसान की। प्याज टमाटर की। दूध की। गेहूं की। देश के पीएम नरेंद्र मोदी इस वक्त ऑस्ट्रेलिया में हैं। वहां पीएम मोदी ने ताल ठोंकी कि भारत दुग्ध उत्पादन में नंबर वन है। चावल, गेहूं और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर है। जब इतनी पैदावार हो रही है तो कॉमनसेंस कहती है कि किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही होगी। क्योंकि ये सबकुछ यही पैदा करते हैं। तो आय में इजाफा हो रहा होगा? कमाई इतनी बेहिसाब की किसान टमाटर सड़क पर फेंक रहे हैं! अपनी फसल खुद किसान बर्बाद कर रहे हैं। यही हाल प्याज का भी है।
कुछ केस स्टडीज आपके सामने पेश करना चाहूंगा। बुल्ढाणा में एक से दो रुपए टमाटर बिक रहा है। लेकिन हम और आप 20 से 25 रुपए किलो खरीद रहे हैं। लेकिन किसानों को ये दाम नहीं मिल रहे हैं। खंडवा मंडी में प्याज सड़क और नाले में फेंके जा रहे हैं। बुल्ढाणा के किसान मधुकर सिंह ने दो एकड़ में टमाटर की खेती की। लागत आई दो लाख रुपए। बाजार में दो रुपए का दाम भी नहीं मिल रहा है। ढुलाई भी नहीं निकल पा रही है। खंडवा के किसान कमलेश पटेल ने एक एकड़ में प्याज उगाई। लागत आई 60 हजार रुपए। एक रुपए भी भाव नहीं मिल रहा है। ऐसी बेहिसाब कमाई हो रही है। इसलिए फेंक दिया। और हम इसके 15 से 20 गुने पैसे यहां दे रहे हैं। तो किसकी कमाई हो रही है? यह अपने आप में महत्वपूर्ण सवाल है।
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ये कालाबाजारी कौन कर रहा है? 31 दिसंबर 2022 की तारीख निकल गई। यह वो तारीख थी जब किसान की आय दोगुनी हो जानी चाहिए था। किसान मजदूर बनने पर मजबूर हो रहा है। देश में साढ़े 22 फीसदी किसान गरीबी रेखा से नीचे हैं। दूध की कीमत लगातार बढ़ रही है। मवेशियों के चारे 20 से 40 फीसदी बढ़ गए हैं। तो आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि किसानों की कमाई बेहिसाब…सड़क पर फेंके टमाटर-प्याज! किसानों की आय कब होगी दोगुनी? देखिए बड़ी बहस…
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