बेंगुलरु भगदड़ मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल को अरेस्ट किया है। पुलिस ने बताया कि आरसीबी का मार्केटिंग हेड मुंबई भागने की कोशिश में था, उससे पहले ही बेंगलुरु पुलिस ने उसको अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने निखिल को बेंगुलरु एयरपोर्ट से अरेस्ट किया है। इसके अलावा पुलिस ने विक्ट्री परेड के आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन स्टाफ को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। अरेस्ट किए गए तीनों स्टाफ की डिटेल अभी सामने नहीं आई है।
सीएम ने देर रात लिया एक्शन
इससे पहले देर शाम को सीएम के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके साथ ही सीएम ने आरसीबी और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के आला अधिकारियों को अरेस्ट करने का आदेश दिया था। सीएम ने कार्रवाई करते हुए पुलिस कमिश्नर समेत 8 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था। इससे पहले कल कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष फरार हो गए थे।
अरेस्ट किए गए तीनों स्टाफ की डिटेल अभी सामने नहीं आई है। सीएम ने गुरुवार शाम को बेंगुलरु के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, एडिशनल सीपी, कब्बन पार्क थाना प्रभारी, एसीपी, डीसीपी सेंट्रल डिवीजन, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी, स्टेशन हाउस मास्टर और स्टेशन हाऊस ऑफिसर शामिल हैं।
हादसे की ये वजह
1.स्टेडियम में फ्री पास से एंट्री से भी हादसे की बड़ी वजह में से एक है। पास दर्शकों को आरसीबी की वेबसाइट से लेने थे। बुधवार को यह अनाउंस हुआ तो वेबसाइट ही क्रैश हो गई। बिना पास के भी लोग स्टेडियम पहुंच गए। इससे भीड़ का अंदाजा नहीं हो पाया।
2.भीड़ के कारण नाले का स्लैब ढह गया। भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के लिए गेट नंबर 12, 13 और 10 को तोड़ने की कोशिश की। दोपहर बाद भीड़ अचानक बढ़ गई। इसके बाद स्टेडियम के गेट बंद कर दिए गए। इससे पास वाले भी अंदर नहीं घुस पाए। गेट नंबर 10 और ज्यादा स्थिति बिगड़ गई।
ये भी पढ़ेंः 7 से 8 जून तक भारत-पाक सीमा के पास एयरफोर्स करेगी अभ्यास, NOTAM जारी
3.हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के बाहर थी, हमने फोर्स तैनात की थी लेकिन ये इंतजाम नाकाफी थे। 1 किलोमीटर के दायरे में 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे। कई लोगों ने गेट तोड़ने की कोशिश की। अधिकारी ने कहा कि हमें कुछ जगहों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। स्टेडियम के गेट संकरे थे और भीड़ के दबाव के कारण हादसा हुआ।
4.भीड़ को स्टेडियम से पहले बैरिकेडिंग करके रोका नहीं गया। जब विधान सौधा में स्वागत कार्यक्रम चल रहा था उससे पहले ही स्टेडियम के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने की जरूरत थी। इसके साथ ही कौनसे गेट से एंट्री होनी चाहिए और कौन से नहीं ये भी पुलिस को सूचना पब्लिक को पहले ही देनी चाहिए थी।