Ficci Annual Convention: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चाहे गलवान हो या तवांग, भारत के रक्षा बलों ने हमेशा साहस दिखाया है और हर मौके पर अपने शौर्य का प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय राजधानी में फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने ये बातें कही।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘चाहे गलवान हो या तवांग, हमारे रक्षा बलों ने अपनी वीरता और पराक्रम को साबित किया है। मैं खुद कभी नहीं सोच सकता था कि वे इस तरह का जादुई साहस दिखा सकते हैं।”
"हमने कभी भी विपक्ष के इरादों को लेकर सवाल नहीं किए"
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— News24 (@news24tvchannel) December 17, 2022
राजनाथ बोले- हमने विपक्ष के नेताओं की मंशा पर सवाल नहीं उठाया
सिंह ने कहा, “हमने विपक्ष के नेताओं की मंशा पर कभी सवाल नहीं उठाया, हमने केवल नीतियों के आधार पर बहस की है। सच बोलने से राजनीति होती है।” बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया आमने-सामने के संदर्भ में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र पर बेखबर होकर सोने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार आक्रामण की तैयारी कर रहा है।
सिंह ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के संकल्प को पूरा किए बिना भारत विश्व की महाशक्ति नहीं बन सकता। उन्होंने कहा, भारत किसी भी देश पर हावी नहीं होना चाहता था या किसी अन्य देश की एक इंच जमीन पर कब्जा करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
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रक्षा मंत्री बोले- इसलिए भारत महाशक्ति बनना चाहता है
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले से अपने संबोधन के दौरान देश को पांच प्रतिज्ञाओं के बारे में बताया था, जो भारत को सुपर पावर बनाने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के कल्याण के लिए काम करने के लिए एक महाशक्ति बनना चाहते हैं। भारत अब विश्व मंच पर एजेंडा सेट करने पर काम कर रहा है।
सिंह ने कहा कि दुनिया भारत के रक्षा उत्पादों की प्रतीक्षा कर रही है। रक्षा मंत्री ने कहा, भारतीय रक्षा उद्योग में अपार संभावनाएं हैं और सरकार इसे वर्ष 2025 तक 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना चाहती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रशंसा करते हुए सिंह ने कहा, “1949 में चीन की जीडीपी भारत की तुलना में कम थी। 1980 तक भारत शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी नहीं था। 2014 में भारत विश्व अर्थव्यवस्थाओं में नौवें स्थान पर था। आज भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।”
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