---विज्ञापन---

देश

क्रिसमस पर सजाया गया था रायपुर में मॉल, पहुंच गई डंडों से लैस भीड़, तोड़फोड़ कर स्टाफ को धमकाया

मॉल में घुसी भीड़ ने ना सिर्फ तोड़फोड़ की, बल्कि स्टाफ और वहां आए हुए लोगों के साथ हिंसा की.

Author Edited By : Arif Khan
Updated: Dec 25, 2025 13:21
सुरक्षा गार्ड्स ने भीड़ को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन नाकाम रहे.

क्रिसमस के मौके पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक मॉल में तोड़फोड़ की गई है. ‘मैग्नेटो मॉल’ में क्रिसमस की सजावट की गई थी. बुधवार को वहां डंडों से लैस होकर भीड़ मॉल पहुंचती है. भीड़ ने मॉल के अंदर तोड़फोड़ की, वहां मौजूद लोगों पर भी हमला किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ने मॉल के स्टाफ को धमकाया भी.

बता दें, बुधवार को कथित अवैध धर्मांतरण के विरोध में ‘छत्तीसगढ़ बंद’ का आह्वान किया गया था.

---विज्ञापन---

जब भीड़ मॉल में घुसने की कोशिश कर रही थी तो सुरक्षा गार्डों ने उन्हें रोका भी. लेकिन भीड़ में मौजूद लोगों की तादाद ज्यादा थी. फिर गार्ड्स को धकेलकर भीड़ अंदर घुस गई.

इंडियन एक्सप्रेस ने मॉल के एक कर्मचारी के हवाले से लिखा है, करीब 80-90 लोग मॉल में घुस आए थे. कर्मचारी ने कहा कि हम भी ‘छत्तीसगढ़ बंद’ को समर्थन कर रहे थे, पिछले 16 वर्षों से, जब से मॉल चल रहा है, हमने हमेशा बंद के आह्वान का समर्थन किया है. लेकिन मैंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा. भीड़ ने हमें धमकाया… हम पर चिल्लाए. मॉल के अंदर उन्होंने हिंसा भी की.

---विज्ञापन---

वहीं, एक दूसरे कर्मचारी ने बताया कि जो भी भीड़ को रोक रहा था, उन पर वह हमला कर रहे थे. वे बार-बार कह रहे थे कि हम सांता को नहीं देखना चाहते. मॉल में आए हुए लोग डर गए थे, इधर-उधर भागने लगे.

क्यों बुलाया गया था बंद

‘छत्तीसगढ़ बंद’ का आह्वान ‘सर्व हिंदू समाज’ ने किया था. यह बंद बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिले में एक व्यक्ति के दफन को लेकर दो समुदायों के बीच हाल ही में हुई झड़प की वजह से किया गया था. बंद के दौरान प्रदेश में कुछ जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली. शहरी क्षेत्रों में जहां बंद का ज्यादा असर देखने को मिला, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह असर कम था.

क्या था विवाद?

18 दिसंबर को, कांकेर जिले के बड़ेतेवड़ा गाँव में एक व्यक्ति के दफन को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था. इस विवाद के बाद हुई हिंसा में पुलिस कर्मियों सहित 20 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे. विवाद 16 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब बड़ेतेवड़ा गांव के सरपंच ने ईसाई रीति-रिवाजों के अनुसार अपने पिता के शव को अपनी निजी जमीन पर दफना दिया. इसकी वजह से एक भीड़ ने प्रार्थना कक्ष में तोड़फोड़ की और सामान में आग लगा दी. बाद में कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार शव को कब्र से बाहर निकाला गया और कब्रिस्तान में दफनाया गया.

First published on: Dec 25, 2025 01:20 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.