Pune Porsche Accident: ससून अस्पताल के डीन विनायक काले ने पॉर्श एक्सीडेंट मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर खुलासा किया है। विनायक काले में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस डॉक्टर ने आरोपी का सैंपल चेंज किया है। उसको फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग का प्रमुख बनाने के लिए सिफारिश एक मंत्री और विधायक ने की थी। गौरतलब है कि हादसे के बाद किशोर के रक्त के नमूने बदलने के आरोप लगे थे। मामले में विधायक सुनील टिंगरे के हादसे के बाद यरवदा पुलिस स्टेशन में जाने, अफसरों पर आरोपी के खिलाफ नरम रुख अपनाने का दबाव बनाने का भी आरोप लगा था। हादसे में दो पेशेवर आईटी एक्सपर्ट मारे गए थे।
विनायक काले ने बताया कि महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ और टिंगरे ने लेटर लिखकर डॉ. अजय तावड़े को फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग का हेड बनाने की जिम्मेदारी दी थी। ये दोनों लोग अजीत पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से हैं। जो एकनाथ शिंदे गुट के साथ सत्ता में है। तावड़े और ससून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हरनोर को पुणे क्राइम ब्रांच अरेस्ट कर चुकी है। आरोप है कि दोनों ने किशोर के ब्लड सैंपल के नमूने बदलने में मदद की थी। ताकि नमूनों में अल्कोहल की मौजूदगी की बात सामने न आए। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों को इसके एवज में 3 लाख की रिश्वत मिली थी। फिलहाल अस्पताल ने दोनों को उनके पदों से हटा दिया है।
3 doctors including
Head of Dept of Forensic Medicine
At Sasson Hospital ARRESTED ✅️✅️✅️---विज्ञापन---YES I am a doctor & I am ashamed that such people exist & thereby ruin the whole profession.#Pune#Porsche https://t.co/dsmkHTgtZr
— dr N (@ouchh_potatoee) May 27, 2024
आरोपों के बाद सरकार ने बनाई है जांच टीम
सरकार ने मामला सामने आने के बाद इसकी जांच के लिए जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अगुआई में टीम बनाई है। मामले में कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि एक्सीडेंट में एक विधायक का बेटा शामिल था। विधायक ने पुलिस पर दबाव बनाया और रक्त के नमूने बदलने के लिए भी कहा। किशोर पुणे के एक बिल्डर का बेटा है, जिसने 19 मई को डॉ. तावड़े से कम से कम 14 बार बातचीत की थी। महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को दावा किया था कि किसी के साथ जांच में भेदभाव नहीं किया जाएगा।