Poonch Terror Attack Army Tortured civilian: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 21 दिसंबर को आंतकियों के हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद सेना ने व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया और संदिग्धों से पूछताछ की। जानकारी के अनुसार पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों से 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया था।
हालांकि सेना ने दावा किया कि उनको पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। लेकिन सर्च ऑपरेशन के दौरान 3 लोगों के शव सुरक्षाबलों ने बरामद किये। इसके बाद नाॅर्दन कमांडर ने कार्रवाई करते हुए सेना के स्थानीय बिग्रेडियर लेवल के अधिकारी और 2 अन्य अफसरों का ट्रांसफर कर दिया। मामले में सेना के उच्चाधिकारियों ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। वहीं पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद पांच लोगों को राजौरी के मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया है।
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इन संदिग्धों से पूछताछ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अस्पताल में भर्ती 5 लोगों में से एक अशरफ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसे और अन्य संदिग्धों को कपड़े उतारकर डंडों और लोहे की छड़ों से पीटा गया इसके बाद पिटाई से प्राइवेट पार्ट में बने घावों पर मिर्च पाउडर लगाया गया।
Indian Army kills 3 Kashmiri Muslims and torture many; state orders inquiry and compensation. Cycle continues without AFSPA withdrawal, granting impunity to the army.#Poonch #Kashmir #Rajouri #KashmiriLivesMatter pic.twitter.com/5zBfmabTBF
— Faheem (@stoppression) December 24, 2023
पिटाई के बाद से ठीक से सो नहीं पाया हूं
अस्पताल में मोहम्मद अशरफ (52), फारूक अहमद (45), फजल हुसैन (50), मोहम्मद बेताब (25) और एक 15 वर्षीय अन्य युवक भर्ती हैं। अस्पताल में भर्ती 52 वर्षीय मोहम्मद अशरफ ने बताया कि उन्हें और 4 अन्य लोगों को सुरक्षाबलों ने पिछले सप्ताह पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया था। अशरफ ने बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स में ही हूं। उन्हें इतना पीटा गया कि वह पिछले शनिवार से सो नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि आंखे बंद करते ही आर्मी की यातना से सिहर उठता हूं। जब से यह घटना हुई है उसके बाद से ठीक से सो नहीं पाया हूं।
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व्हीलचेयर पर जाना पड़ता है शौचालय
राजौरी जिले के थानामंडी थाना क्षेत्र के हसबलोटे गांव के रहने वाले अशरफ ने बताया कि वह 2007 से जम्मू-कश्मीर मेें बिजली विकास विभाग के लाइनमैन के तौर पर काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी की इसी साल 23 मार्च को मौत हो गई। वह अपने तीन बच्चों 18 साल की बेटी, 15 और 10 साल के बेटों के साथ गांव में रहते हैं। अशरफ ने बताया कि हम में से कोई उठ या बैठ नहीं सकता। हमें शौचालय जाना हो तो व्हीलचेयर पर ले जाया जाता है। उधर सेना के पीआरओ ने बताया कि उन्हें राजौरी के मेडिकल काॅलेज में भर्ती लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।