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15 करोड़ लोगों ने पहली बार हवाई सफर किया, PM मोदी ने बताई भारत की ऊंची उड़ान की तीन वजहें

अंतरराष्ट्रीय विमानन सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के छोटे शहरों में भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ी है और अब तक 1.5 करोड़ लोग पहली बार हवाई यात्रा कर चुके हैं। पीएम मोदी ने बताया कि भारत में एयरपोर्ट की संख्या 162 हो चुकी है। पढ़ें कुमार गौरव की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 2, 2025 22:34
Narendra Modi
अंतरराष्ट्रीय विमानन सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी

भारत अब दुनिया की एविएशन ताकत बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय विमानन सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित इस वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत की विमानन इंडस्ट्री ने बीते 10 सालों में जबरदस्त प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन चुका है और हम आने वाले समय में और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

भारत की ऊंची उड़ान की तीन वजहें: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत की एविएशन इंडस्ट्री तीन मजबूत आधारों पर खड़ी है:

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  • बड़ा और आकांक्षी बाजार – भारत में तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग अब हवाई यात्रा करने लगा है।
  • युवा और टैलेंटेड जनसंख्या – भारत के युवा आज एआई, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में दुनिया को लीड कर रहे हैं।
  • सरल और सहयोगी नीति – सरकार ने एयरपोर्ट, विमान खरीद और एविएशन बिजनेस के लिए मजबूत माहौल तैयार किया है।

उड़ान योजना का जिक्र – “15 करोड़ लोगों ने पहली बार हवाई सफर किया”

इस दौरान प्रधानमंत्री ने उड़ान योजना की खास चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस योजना की वजह से देश के छोटे शहरों में भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ी है और अब तक 1.5 करोड़ लोग पहली बार हवाई यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल 240 मिलियन (24 करोड़) लोग हवाई सफर कर रहे हैं और यह संख्या 50 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा हर साल 3.5 मिलियन टन कार्गो एयर रूट से जाता है, जिसे बढ़ाकर 10 मिलियन टन किया जाएगा। 2014 में भारत में सीमित एयरपोर्ट थे, अब यह संख्या 162 हो चुकी है। भारत की एयरलाइंस ने 2,000 नए विमानों का ऑर्डर भी दिया है।

टेक्नोलॉजी और ग्रीन उड़ान की ओर कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने Digi Yatra जैसी तकनीक शुरू की है, जिससे यात्री अब चेहरे की पहचान से पेपरलेस यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने इसे “दुनिया के लिए एक मॉडल” बताया। साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल और कम कार्बन उत्सर्जन पर भारत के प्रयासों का भी जिक्र किया।

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भारत बना रहा है एविएशन इंडस्ट्री का ग्लोबल हब

  • भारत 2030 तक $4 बिलियन का MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) हब बने, यह सरकार का लक्ष्य है।
  • 154 MRO यूनिट्स पहले ही काम कर रही हैं।
  • 100% एफडीआई, टैक्स छूट और नीतिगत सहूलियतों से इस सेक्टर को बढ़ावा मिल रहा है।

महिलाएं भी बना रही हैं विमानन की नई पहचान

विदेशी कंपनियों से पीएम ने अपील की कि भारत में वे “Design in India” भी करें, न कि केवल “Make in India”। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की एविएशन इंडस्ट्री में 15% पायलट महिलाएं हैं, जो दुनिया के औसत से तीन गुना ज्यादा है। 86% केबिन क्रू महिलाएं हैं और अब महिला इंजीनियर और टेक्नीशियन भी इस सेक्टर में तेजी से आ रही हैं।

ड्रोन और सुरक्षा की दिशा में आगे

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल खेती और महिला सशक्तीकरण में कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने ICAO की गाइडलाइंस को अपनाया है और सुरक्षा के मामले में दुनिया भर से सराहना मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत Open Skies और Global Connectivity के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी देशों से मिलकर एक ऐसा सिस्टम बनाने की अपील की जहाँ हवाई यात्रा सस्ती, सुरक्षित और सभी के लिए सुलभ हो।

इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू, IATA प्रमुख विली वॉल्श, इंडिगो के एमडी राहुल भाटिया और दुनियाभर की विमानन कंपनियों के 1,600 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हुए।

First published on: Jun 02, 2025 10:29 PM

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