PM Modi Insulted by TMC Leader: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग होने में 18 दिन बाकी हैं। इस बीच नेताओं की जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है। तीखी और अमर्यादित बयानबाजी की जा रही है। ऐसा ही एक बयान प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के खिलाफ किया गया। उन पर तीखी टिप्पणी करते हुए उनका अपमान किया गया है।
भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी ने भी उस बयान को प्रधानमंत्री मोदी का अपमान बताया और लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर बयानबाजी करने वाले नेता पर तीखा पलटवार किया। बयानबाजी तृणमूल कांग्रेस के नेता पीयूष पांडा ने की है। उन्होंने PM मोदी पर जातिवादी टिप्पणी की, जिसका भाजपा ने विरोध जताया है। अयोध्या और राम मंदिर पर भी टिप्पणी हुई है।
Though I don’t give two hoots about a lower level TMC leader – Pijush Panda, but when the foul mouthed creep is the President of the regional TMC Party’s Contai Organizational District, his words have to be considered as his Party’s Official stance.
---विज्ञापन---He has not only tried to… pic.twitter.com/4pO8LrBTDH
— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) March 31, 2024
पीयूष पांडा ने आखिर क्या कहा?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के नेता पीयूष पांडा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि एक तेली का बेटा अयोध्या जाकर राम मंदिर का उद्घाटन कैसे कर सकता है? रामलला की पूजा कैसे कर सकता है? नरेंद्र मोदी ने अधूरे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करके ईशनिंदा की है। मोदी अहंकारी है, तेल समुदाय से है। वह मंदिर का उद्घाटन प्रतिष्ठापर करते हैं और ब्राह्मणों को बुलाया तक नहीं जाता। ऐसा मैं नहीं कहा रहा, शंकराचार्यों ने कहा है।
सुवेन्दु ने पलटवार करते हुए लिखी पोस्ट
भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी पीयूष पांडा का बयान सुनकर भड़क गए। उन्होंने पीयूष पर पलटवार करते हुए एक पोस्ट लिखी। उन्होंने लिख कि मैं TMC नेता के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करता, लेकिन गंदा बोलने वाला व्यक्ति क्षेत्रीय पार्टी TMC के संगठनात्मक जिले का अध्यक्ष है तो उसके शब्दों को उसकी पार्टी का आधिकारिक रुख माना जाना चाहिए।
उन्होंने न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने का प्रयास किया है, बल्कि उन्हें तेली का बेटा कहकर नीचा दिखाया, पूरे OBC समाज का अपमान और अनादर किया है। इस बयान को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मानना चाहिए और चुनाव आयोग को उक्त नेता को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित कर देना चाहिए।