PM Modi 75th Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन बनाएंगे. उन्होंने अपने 1 दशक लंबे नेतृत्व काल में देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. जी-20 सम्मेलन में भूमिका, यूएस के साथ संबंधों का सुधार और वैक्सलीन डिप्लोमेसी इनमें से कुछ परियोजनाएं, उनके काम की सूची में शामिल है. आइए उनके जन्मदिवस के अवसर पर जानते हैं उनके कुछ महत्वपूर्ण क्षणों के बारे में.
G-20 की अध्यक्षता
भारत को साल 2023 में जी-20 सम्मेलन की मेजबानी का मौका मिला. इसके लिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य थीम को पेश किया गया था. इस थीम से संदेश दिया गया था कि पूरा विश्व एक परिवार ही है. पीएम मोदी ने सम्मेलन में उन मुद्दों को उठाया था, जो विकासशील देशों के लिए जरूरी होते हैं-जैसे खाने-पीने की चीजों और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटना और बराबर विकास करना. साथ ही, पीएम मोदी ने वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया.
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BRICS सम्मेलन में भारत की भूमिका
भारत हमेशा से ही उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स का अहम हिस्सा रहा है. साल 2025 में ब्राजील में आयोजीत मीटिंग में पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए आवाज उठाई थी. उन्होंने साउथ-साउथ को-ऑपरेशन एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे विकासशील देशों का आपस में मिलकर एक-दूसरे की मदद करना था. इससे अतंर्राष्ट्रीय निर्णय लेने में भूमिका बढ़ेगी.
क्वाड में भागीदारी
QUAD में देश की भागीदारी. इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. इस ग्रुप का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और सहयोग को बढ़ाना है. भारक की इसमें अहम भूमिका रही है क्योंकि इनमें 3 मुख्य उद्देश्यों पर काम किया जाता है- क्षेत्रीय सुरक्षा, प्रोद्योगिकी सहयोग और जलवायु परिवर्तन. साल 2024 में क्वाड देशों के नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र स्वतंत्र खुला और सबके लिए सुरक्षित रहना चाहिए.
वैक्सीन डिप्लोमेसी
कोरोना वायरस से दुनियाभर में तबाही मच गईस थी. इसके टीके को लॉन्च करना एक बड़ी सफलता था. मगर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण था दुनिया के सभी देशों के लिए टीके उपलब्ध करवाना. भारत ने इस काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और 99 देशों और दो संयुक्त राष्ट्र निकायों को कोविड वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करवाई थी. ये खुराक 30.12 करोड़ से अधिक की थी.
भारत-रूस संबंध
पिछले 11 सालों में, भारत और रूस ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत किया है। अंतर-सरकारी आयोग के माध्यम से नियमित वार्ता में व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और संस्कृति जैसे विषयों पर चर्चा होती है। S-400 प्रणाली, T-90 टैंक, सुखोई-30 MKI जेट और ब्रह्मोस मिसाइलों के संयुक्त उत्पादन और अनुसंधान को बढ़ाने का काम किया है.
भारत-अमेरिकी संबंध
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी काफी गहरी हुई है. इसमें सहयोग रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापार शामिल है. इन पहलों में क्वांटम कंप्यूटिंग, 5G और 6G तकनीकें और डिफेंस प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं. हालांकि, हल्के व्यापारिक तनाव भी उभरे जैसे कि नई टैरिफ नीति से सकल घरेलू उत्पादन में कमी होना. मगर इसके बाद भी दोनों देश आपसी व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने में लगा है.
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