हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, लेकिन कई बार पैसों की कमी के कारण ये सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए इस सपने को पूरा करने में मदद करती है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पक्का घर दिलाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
ये मदद सरकार द्वारा तय योग्य के अनुसार लाभार्थियों को मुफ्त दी जाती है, लेकिन कई बार देखा गया है कि कुछ दलाल और फर्जी लोग इस योजना के नाम पर फायदा दिलाने के लिए पैसों की मांग करते हैं। ऐसे मामलों में सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है और अगर कोई आपसे पैसे मांगता है तो आप इसकी शिकायत तुरंत कर सकते हैं।
पीएम आवास योजना की शिकायत कहां और कैसे करें?
पीएम आवास योजना के नाम पर अगर कोई आपसे पैसे मांग रहा है या धोखाधड़ी कर रहा है, तो आपको तुरंत इसकी शिकायत करनी चाहिए। आप इसकी शिकायत अपने ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला या राज्य स्तर के अधिकारियों से कर सकते हैं। इस योजना के तहत एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली है, जिसमें शिकायत मिलने के बाद संबंधित अधिकारी उस पर तुरंत कार्रवाई करते हैं।
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शिकायत का समाधान कब होगा?
शिकायत दर्ज करने के बाद सरकार ये सुनिश्चित करती है कि 45 दिनों के अंदर शिकायत का समाधान हो जाए। अगर तय समय में शिकायत का समाधान नहीं होता है तो लाभार्थी अपने क्षेत्र के स्थानीय आवास सहायक या प्रखंड विकास पदाधिकारी से संपर्क कर वहां दोबारा शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए, अगर फिर भी देरी होती है तो हाई लेवल पर इसकी सूचना दी जा सकती है।
किसे मिलता है फायदा?
पीएम आवास योजना का फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन लोगों को मिलता है, जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख रुपए तक है। इस योजना में अलग-अलग वर्गों के लिए आय स्लैब तय किया गया है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) शामिल हैं।
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