Parliament Special Session Government Replies Sonia Gandhi Letter: सरकार ने संसद के विशेष सत्र पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की चिट्टी का जवाब दे दिया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले बातचीत की जाएगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। बता दें कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। यहां पहले दिन की कार्यवाही पूरानी संसद में होगी वहीं नई संसद में बाकी बचे 4 दिन तक बैठकें होंगी।
संसदीय कार्य मंत्री ने चिट्ठी का जवाब चिट्ठी से देते हुए कहा कि आप लोकतंत्र के मंदिर में कामकाज का भी राजनीतिकरण कर बेवजह विवाद को जन्म दे रही हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 85 का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर जो ठीक समझे अधिवेशन के लिए आहूत करेगा। किन्तु संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक का अंतर नहीं होगा।
श्रीमती सोनिया गाँधी जी, कांग्रेस की वरिष्ठतम नेता होने के नाते आपका ये कर्तव्य बनता है कि आप लोकतंत्र के मंदिर की परम्पराओं का संज्ञान लेते हुए देशहित के कार्यों में रूकावट पैदा करने की जगह चर्चा में सक्रिय भूमिका निभाएं।
आपकी प्रधानमंत्री @NarendraModi जी को लिखी चिट्ठी के सभी… pic.twitter.com/wmI6OqfYyH
---विज्ञापन---— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) September 6, 2023
सत्रारंभ से पहले होती है सर्वदलीय बैठक
मंत्री जोशी ने कहा कि स्थापित प्रकिया का पालन करते हुए संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के पश्चात राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितंबर से आरंभ होने वाले संसद के विशेष को बुलाया गया है। संसद सत्र बुलाने से पहले कभी भी राजनैतिक दलों से चर्चा नहीं की जाती है। सत्र बुलाने के बाद सत्रारम्भ से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक होती है जिसमें उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।
कायम रहेगी संसद की गरिमा
जोशी ने यह भी कहा सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहती है। वैसे आपने जिन मुद्दों का जिक्र चिट्ठी में किया है उन सभी मुद्दों पर पूर्व मानसून सत्र के दौरान चर्चा हो चुकी है। सरकार द्वारा इस पर जवाब भी दिया गया था। जोशी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सत्र के दौरान संसद की गरिमा कायम रहेगी। इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके लिए मैं आगामी सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिए आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं।
पीयुष गोयल ने साधा निशाना
वहीं इस मामले में राज्यसभा के नेता पीयुष गोयल ने कहा कि बहुत ही दुख की बात है कि श्रीमती सोनिया और कांग्रेस पार्टी ने इस प्रकिया को राजनीतिक विवादों में डालने की कोशिश की। मैं समझता हूं कि हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है उसको राजनीति विवादों में नहीं घसीटना चाहिए।