Explainer: लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी। क्योंकि सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा दी है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद स्वत: ही अयोग्य हो गए थे।
ऐसे में आम लोगों के मन में कई सवाल हैं, जैसे…राहुल की सदस्यता क्यों गई? किस नियम के तहत सदस्यता जा सकती है? क्या राहुल का बंगला भी छिनेगा? कांग्रेस क्या करेगी? कितने सालों तक राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे? क्या दोबारा सदस्यता मिल सकती है? जानें सबकुछ-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "मैं भारत की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।"
---विज्ञापन---राहुल गांधी को उनकी मोदी उपनाम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। pic.twitter.com/voAH1NleuY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2023
क्यों छिनी राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता?
राहुल गांधी ने दो साल पहले कर्नाटक की एक सभा में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है? जैसे नीरव मोदी….आदि। राहुल के इस बयान को आधार बनाकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ सूरत में आईपीसी की धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।
इस केस में तीन बार राहुल गांधी सूरत कोर्ट में पेश हुए। बुधवार को कोर्ट ने राहुल के खिलाफ फैसला सुनाया। उन्हें दो साल की सजा दी। साथ ही जमानत भी। उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपील के लिए 30 दिन का समय दिया।
किस नियम के तहत गई लोकसभा की सदस्यता?
लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी अब सांसद के सदस्य नहीं है। इसके पीछे संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) और जनप्रतिनिधि कानून 1951 का हवाला दिया।
दरअसल, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (1) और (2) के तहत प्रावधान है कि अगर कोई सांसद या विधायक हत्या, दुष्कर्म, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करता है या किसी आतंकी गतिविधि या संविधान को अपमानित करने जैसे षडयंत्र में शामिल होता है तो संसद और विधानसभा से उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
इसके अलावा इसी अधिनियम की धारा 8 (3) कहता है कि अगर किसी अपराध में विधायक या सांसद को दोषी ठहराया गया है या दो साल से अधिक सजा सुनाई गई है तो विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द हो सकती है। इसके साथ 6 सालों के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जा सकता है।
राहुल अब आगे क्या कर सकते हैं?
राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। अगर ऊपरी अदालत से सजा पर रोक लगा दी जाती है तो सदस्यता वापस हो सकती है। राहुल के पास ट्रायल कोर्ट के अलावा, हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला हुआ है।
क्या बंगला भी छिनेगा? वायनाड में उप चुनाव भी होंगे?
हां, सदस्यता छिनने के बाद राहुल गांधी को मध्य दिल्ली स्थित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए भी कहा जा सकता है। वायनाड में उप चुनाव भी होंगे। क्योंकि सदस्यता रद्द किए जाने के बाद वायनाड सीट खाली हो गई है। चुनाव आयोग यहां जल्द उप चुनाव करा सकता है।
क्या कहते हैं कानून के विशेषज्ञ?
जाने-माने वकील और बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी का कहना है कि कानून के मुताबिक राहुल गांधी अब संसद की सदस्यता से अयोग्य हैं।
वहीं, कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि राहुल गांधी दो साल की जेल की सजा के साथ ही एक सांसद के रूप में स्वत: अयोग्य हो गए थे।
अगर अदालत सजा को निलंबित करती है, तो भी यह पर्याप्त नहीं है। निलंबन या दोषसिद्धि पर रोक होनी चाहिए। राहुल गांधी संसद के सदस्य के रूप में तभी रह सकते हैं जब दोषसिद्धि पर रोक हो। यदि किसी उच्च न्यायालय द्वारा फैसला रद्द नहीं किया जाता है, तो राहुल गांधी को भी अगले आठ वर्षों तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी।
कांग्रेस क्या रणनीति बना सकती है?
कांग्रेस राहुल गांधी के मुद्दे पर सूरत कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकती है। इसका इशारा वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर सजा के निलंबन और आदेश पर रोक की अपील हाईकोर्ट में स्वीकार नहीं की जाती है, तो वे सुप्रीम कोर्ट तक अपना रास्ता बनाएंगे।
राहुल के मुद्दे पर विपक्ष कितना एकजुट?
राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। सपा, टीएमसी, उद्धव ठाकरे गुट, आप पार्टी ने सरकार को घेरा है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी मामले पर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। और बोले- देश के सबसे भ्रष्ट पीएम हैं नरेंद्र मोदी।
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