---विज्ञापन---

मनमोहन सिंह के निधन से शोक में डूबा पाकिस्तान का गांव, जानें पूर्व PM से क्या रिश्ता?

Manmohan Singh Passed: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लोग दुखी है। उनके पैतृक गांव के लोगों ने उनके निधन पर शोक सभा आयोजित की। जिसमें सभी ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Dec 28, 2024 14:19
Share :
Former PM Manmohan Singh Death
Former PM Manmohan Singh Death

Former PM Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे भारत में शोक की लहर है। आज उनका दिल्ली स्थित निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार होगा। इस बीच उनके निधन पर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी शोक की लहर है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गाह गांव में भी लोग उनके निधन से दुखी हैं।

गांव के लोगों का कहना है कि हमें ऐसा लग रहा है हमारे परिवार के किसी सदस्य का निधन हो गया है। वह हमारे बीच से चला गया है। गांव के स्थानीय निवासी अल्ताफ हुसैन ने पीटीआई को बताया स्थानीय लोगों के समूह ने भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर दुख व्यक्त करने के लिए शोकसभा बुलाई है। हुसैन इस गांव में उसी स्कूल में पढ़ाते हैं, जहां मनमोहन सिंह ने चौथी तक पढ़ाई की थी।

---विज्ञापन---

गाह गांव से कुछ ऐसा है रिश्ता

मनमोहन सिंह के पिता गुरमुख सिंह कपड़ा व्यापारी थे, वहीं उनकी मां अमृत कौर गृहिणी थीं। पूर्व पीएम का बचपन गाह गांव में ही बीता, उन्हें बचपन के दोस्त मोहना कहकर बुलाते थे। पाकिस्तान का गाह गांव इस्लामाबाद से 100 किमी. दक्षिण पश्चिम में स्थित है और मनमोहन सिंह के जन्म के समय झेलम का हिस्सा थे। 1986 में इसे चकवाल जिले में शामिल कर लिया गया।

इस गांव के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल में सिंह ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की थी। वे चौथी तक गांव में ही पढ़े। आज भी स्कूल के रजिस्टर उनकी प्रवेश संख्या 187 और प्रवेश की तारीख 17 अप्रैल 1937 दर्ज है। उनकी जन्मतिथि 4 फरवरी 1932 और जाति कोहली दर्ज है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ेंः Anupam Kher और Hansal Mehta में जुबानी जंग, ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर विवाद क्यों?

पीएम बनने पर गर्व करते थे

गांव के स्थानीय निवासी राजा आशिक अली ने बताया जो उनके सहपाठी थे, वे 2008 में उनसे मिलने दिल्ली आए थे। उन्होंने शोकसभा बैठक को संबोधित करते हुए कहा सभी ग्रामीण बहुत दुखी हैं। वे भारत में उनके अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं था। आशिक अली ने आगे कहा हम सभी इस बात पर गर्व करते थे कि हमारे गांव का लड़का भारत का पीएम बना है। गांव वालों के अनुसार विभाजन से कुछ समय पहले उनका परिवार अमृतसर चला गया।

ये भी पढ़ेंः पूर्व PM मनमोहन सिंह को निधन से पहले मिलती थीं ये सुविधाएं-पेंशन, जानें अब किसको मिलेगी?

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Dec 28, 2024 02:19 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें