जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए जवाबी अभियान को लेकर भारत का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के कई देशों का दौरा कर रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब कर रहा है। इसी क्रम में सांसद संजय झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल मलेशिया में कार्यक्रम आयोजित करने वाला था, जिसे पाकिस्तान रद्द करवाना चाहता था। लेकिन उसकी यह साजिश नाकाम हो गई।
पाकिस्तान ने खेला “धर्म का कार्ड”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने मलेशियाई अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए धार्मिक अपील का सहारा लिया। मलेशिया में स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने मलेशियाई सरकार से भारत के प्रतिनिधिमंडल के सभी 10 कार्यक्रमों को रद्द करने की अपील की।
पाकिस्तान ने कहा, “हम एक इस्लामी देश हैं, आप भी एक इस्लामी देश हैं। भारत के प्रतिनिधिमंडल को कार्यक्रम आयोजित करने से रोकें।” साथ ही, उसने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में लंबित होने का हवाला भी दिया।
मलेशिया ने पाकिस्तान को किया दरकिनार
हालांकि, पाकिस्तान की कोई भी दलील काम नहीं आई। मलेशियाई सरकार ने पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज कर दिया और सांसद संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को सभी कार्यक्रमों की अनुमति दे दी।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और यात्रा का उद्देश्य
संजय झा के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया के दौर पर था और मलेशिया आखिरी पड़ाव था। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृज लाल, प्रदान बरुआ, हेमांग जोशी, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई-एम के जॉन ब्रिटास और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और राजदूत मोहन कुमार शामिल थे।
अपने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच देशों (जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया) की यात्रा पूर्ण करने के बाद कल रात अपने देश वापस लौटा।
इस यात्रा का उद्देश्य आतंक के खिलाफ भारत की ‘न्यू नॉर्मल’ नीति और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को सही तथ्यों से अवगत… pic.twitter.com/3mTTmRgWNg
— Sanjay Kumar Jha (@SanjayJhaBihar) June 4, 2025
क्या बोले संजय झा?
जदयू सांसद संजय कुमार झा ने यात्रा के समापन पर IANS से बातचीत में कहा, “इस यात्रा से 4-5 महत्वपूर्ण बातें सामने आईं। सबसे पहली बात यह कि पूरे देश ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर दुनिया को सख्त संदेश दिया। दूसरी बात, सभी देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। तीसरी बात, भारत ने संयम और रणनीतिक स्पष्टता के साथ सिर्फ पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।”
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उन्होंने आगे कहा, “हमने आग्रह किया कि FATF (वित्तीय कार्रवाई कार्य बल) को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने आतंक के खिलाफ वैश्विक मंचों पर एकजुट भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है।”