Pahalgam Terrorist Attack Update: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के आरोपी पाकिस्तान के नागरिक थे और तीनों हमलावर 28 जुलाई 2025 को भारतीय सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे गए हैं। वहीं तीनों हमलावरों के पाकिस्तानी नागरिक होने के पुख्ता सबूत पहली बार सरकार के हाथ लगे हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह दावा किया है। वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के पास पाकिस्तानी दस्तावेज हैं, जो पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी राष्ट्रीयता को साबित करते हैं।
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बायोमेट्रिक एविडेंस सबसे बड़ा सबूत
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने तीनों हमलावरों के बायोमेट्रिक एविडेंस और पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए तीनों के पाकिस्तानी नागरिक होने का दावा किया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, 28 जुलाई 2025 को ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (LET) के आतंकी थे। तीनों आतंकी 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हमला करने के बाद दाचीगाम-हरवान जंगल में छिपे हुए थे, जिनका सुराग मिलते ही उन्हें ढेर कर दिया गया।
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कपड़ों से मिलीं पाकिस्तानी ID
सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान की नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NDRA) से तीनों हमलावरों का बायोमेट्रिक डेटा, लेमिनेटेड वोटर स्लिप, डिजिटल सैटेलाइट फोन डेटा और GPS लॉग मिल गया है। तीनों हमलावरों की पहचान लश्कर के शूटर और पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट, लश्कर के ए-ग्रेड कमांडर और शूटर अबू हमजा उर्फ अफगान और लश्कर के ए-ग्रेड कमांडर और शूटर यासिर उर्फ जिब्रान के रूप में हुई है, जिसे कपड़ों और सामान से उनके पाकिस्तानी होने के दस्तावेज मिले हैं।
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पाकिस्तान की वोटर स्लिप मिलीं
सुलेमान शाह और अबू हमजा के कपड़ों से पाकिस्तान की ओर से जारी दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनमें पाकिस्तान चुनाव आयोग की 2 लेमिनेटेड वोटर स्लिप भी शामिल हैं। दोनों लाहौर (NA-125) और गुजरांवाला (NA-79) के वोटर हैं। सैटेलाइट फोन और माइक्रो-एसडी कार्ड भी बरामद हुआ है, जिसमें NDRA से जुड़ा डेटा, फिंगरप्रिंट, फेस स्कैन और परिजनों के नाम थे, जो आतंकियों के चंगा मंगा (कसूर जिला) और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में रावलकोट के पास कोइयन गांव निवासी होने की ओर संकेत करते हैं।
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पाकिस्तानी चॉकलेट के रैपर मिले
सर्च ऑपरेशन में पाकिस्तान के कराची में बनी कैंडीलैंड और चोकोमैक्स चॉकलेट के रैपर मिले हैं। बैसरन हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों के 7.62×39 MM वाले कारतूस के खोल और 28 जुलाई को आतंकियों के ठिकाने से बरामद हुई 3 एके-103 राइफलों के कारतूस से मिले खाए हैं। पहलगाम में मिली फटी हुई कमीज पर लगे खून के DNA मारे गए तीनों आतंकियों के माइटोकॉन्ड्रियल प्रोफाइल से मिल गए हैं। तीनों आतंकवादियों ने मई 2022 में उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर के रास्ते पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की थी।
हमले के बाद छिपे थे जंगल में
तीनों आतंकियों ने 21 अप्रैल 2025 को बैसरन घाटी से 2 किलोमीटर दूर हिल पार्क के पास झोपड़ी में शरण ली। पहलगाम में रहने वाले परवेज और बशीर अहमद जोथर ने आतंकियों को खाना और रातभर रहने की जगह उपलब्ध कराई थी। अगले दिन 22 अप्रैल को आतंकी हमला करने के बाद तीनों आतंकवादी दाचीगाम जंगल में छिप गए। तीनों हमलावरों ने हमले के दौरान इस्तेमाल किए गए हुवेई सैटेलाइट फोन (IMEI 86761204) 22 अप्रैल से 25 जुलाई के बीच इनमारसैट-4 F1 सैटेलाइट से कनेक्ट करके कई बार बातचीत भी की थी।
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लश्कर के कमांडर से की थी बात
रिकॉर्ड हुई बातचीत में दूसरी ओर से जिस शख्स ने बात की थी, उसकी आवाज लश्कर-ए-तैयबा के साउथ कश्मीर ऑपरेशन चीफ लाहौर के चंगा मंगा निवासी साजिद सैफुल्लाह जट्ट की आवाज से मेल खाए हैं। 28 जुलाई को मारे गए तीनों आतंकियों के परिजनों से 29 जुलाई को लश्कर के रावलकोट चीफ रिजवान अनीस ने मुलाकात की थी। उनकी मौजूदगी में ही 29 जुलाई को गैबाना नमाज-ए-जनाजा का आयोजन किया गया था। इन जनाजे की फुटेज को भी भारत सरकार ने पहलगाम हमले के ऑफिशियल डोजियर में ऐड किया है।