बीएसएफ के सहायक कमांडेंट अभिजीत वर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मनों को हर मोर्चों पर परास्त किया था। उन्हें इससे पहले एनडीआरएफ में तैनाती के दौरान मुख्यमंत्री सेवा पदक भी मिल चुका है। अभिजीत वर्मा का जीवन हर मोर्च पर देश सेवा को समपिर्त है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाया शौर्य
बीएसएफ के सहायक कमांडेंट अभिजीत कुमार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वो छुट्टी पर थे। उनकी रणनीतिक सूझबूझ और जमीनी अनुभव को देखते हुए उन्हें ऑपरेशन से पूर्व ही विशेष रूप से छुट्टी से रिकॉल कर बुलाया गया, ताकि वे इस चुनौतीपूर्ण अभियान का नेतृत्व कर सकें। सीमाई क्षेत्र की विषम परिस्थितियों में उन्होंने जिस धैर्य, साहस और नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया। इसी के बदौलत ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा।
NDRF में रहते हुए भी किया शानदार काम
बताया जाता है कि यह पहला अवसर नहीं है जब उन्होंने ऐसा साहस और शौर्य दिखाया हो। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) में काम करने के दौरान उन्होंने अनेक आपदा राहत अभियानों में आगे रहकर काम किया था। उनकी साहसी सेवाओं के लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री Singhasth सेवा पदक” और “महानिदेशक प्रशंसा पत्र” से सम्मानित किया गया।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
अभिजीत कुमार वर्मा न केवल एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उनका जीवन यह दर्शाता है कि जब सेवा, साहस और समर्पण एक साथ होते हैं, तो असाधारण उपलब्धियां संभव होती हैं।