---विज्ञापन---

देश

क्या है ऑनलाइन गेमिंग बिल? जिसे मोदी कैबिनेट मीटिंग में मिली मंजूरी, कल लोकसभा में किया जाएगा पेश

Online Gaming Bill: मोदी कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दे दी है। अब बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद लागू करके ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 19 अगस्त को कैबिनेट की मीटिंग हुई थी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 19, 2025 16:25
Online Gaming App | Cabinet Meeting | PM Modi
ऑनलाइन गेमिंग ऐप बिल कल लोकसभा में पेश किया जाएगा।

Online Gaming Bill: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी मिल गई है, जिससे ऑनलाइन सट्टेबाजी अब दंडनीय अपराध बन गया। वहीं अब गेमिंग बिल को कल लोकसभा में पेश किया जा सकता है। ऑनलाइन गेमिंग बिल भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया है।

पिछले कुछ महीनों में धोखाधड़ी के मामले काफी बढ़ गए हैं। जांच एजेंसियों ने भी ऑनलाइन गेमिंग ऐप को बढ़ावा देने वाली मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। सट्टेबाजी को बढ़ावा मिलते देख केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर अमल करते हुए बिल का ड्राफ्ट बनाकर कैबिनेट में पेश किया गया।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: क्या है जनविश्वास बिल 2.0? जिसमें व्यापार से जुड़े 350 छोटे अपराधों में अब नहीं मिलेगी सजा, आज लोकसभा में होगा पेश

क्या होगा ऑनलाइन गेमिंग बिल का मकसद?

ऑनलाइन गेमिंग बिल का मकसद मनी गेमिंग जैसे जुआ और सट्टेबाजी वाली गेम्स पर बैन लगाना, इस्तेमाल करने वालों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और टैक्स की चोरी को रोकना है। बिल के तहत ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ-रेगुलेटरी सिस्टम (SRO) के दायरे में लाया जाएगा। जुआ खिलाने और सट्टेबाजी कराने वाली गेम्स को प्रतिबंधित किया जाएगा।

---विज्ञापन---

ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे, ताकि लोगों को इनकी लत न लगे और वित्तीय नुकसान भी न हो। 18 साल से कम उम्र के बच्च के लिए ऐप्स बाधित होंगी, इसके लिए KYC वेरिफिकेशन अनिवार्य की जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को 28% या प्रस्तावित 40% GST के दायरे में लाकर टैक्स की चोरी रोकी जाएगी और राजस्व बढ़ाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: खिलाड़ियों के शोषण, BCCI पर कंट्रोल… क्या है नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल? लागू होने पर होंगे 5 बड़े बदलाव

क्या है देश में गेमिंग ऐप्स की स्थिति?

बता दें कि देश में अभी तक ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कोई कानून नहीं है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, असम, छत्तीसगढ़ ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन राष्ट्रीय कानून नहीं बना है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम 11 को कानूनी वैधता दी हुई है, लेकिन जुआ और सट्टेबाजी वाली गेम्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग काफी समय की जा रही है। ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत, इनके इस्तेमाल से होने वाले वित्तीय नुकसान के चलते सुसाइड के मामले सामने आए हैं।

ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के इस्तेमाल की आदत युवाओं को पड़ गई है। बच्चे भी ऑनलाइन गेम्स खेलने में समय बिताने लगे हैं, जिससे उनकी नींद, पढ़ाई और रिश्ते प्रभावित हुए हैं। अभिभावकों की ओर से इस तरह की शिकायतें अकसर की जाती हैं। ऑनलाइन गेम खेलने में पैसे ज्यादा खर्च करने प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे लोगों को वित्तीय नुकसान होता है और वे सुसाइड करने जैसे कदम उठाते हैं। ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए धोखाधड़ी और डेटा चोरी के मामले भी बढ़ गए हैं।

First published on: Aug 19, 2025 02:51 PM

संबंधित खबरें