Odisha Train Tragedy: ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा किसी त्रासदी से कम नहीं है। हादसे में मरने वालों का आंकड़ा 290 पहुंच गया है, जबकि 1000 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। ऐसे में इस हादसे से बचकर अपने घर पहुंचे लोग सदमे में हैं। कोई इसे नया जीवनदान बोल रहा है, तो कोई कह रहा है कि भगवान ने हाथ पकड़ कर बचाया है। किसी ने कहा कि तेज धमाके के बाद आंखों के सामने अंधेरा छा गया।
पश्चिम बंगाल के रहने वाले अनुभव दास ने बताया कि वे कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे। ट्रेन की स्पीड करीब 110-115 किमी प्रति घंटा रही होगी। गाड़ी नॉन स्टाप दौड़ रही थी। तभी यात्रियों को एक तेज धक्का लगा और 30-40 सेकंड के भीतर सब उधल-पुथल हो गया। चारों ओर घायल और मृतक बिखरे पड़े थे। लोग मदद के लिए चीख रहे थे। अनुभव दास ने बताया कि वे इस हादसे को जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
#WATCH | Odisha: "Speed of Coromandel Express was about 110-115 kmph, it was moving smoothly but suddenly the accident occurred & within a span of 30-40 seconds we see so many people injured, dead & cries of help everywhere," one of the passenger Anubhav Das who was onboard… pic.twitter.com/MvfRAzrY2q
— ANI (@ANI) June 3, 2023
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तेज धमाका और पलट गई बोगी
ट्रेन में सवार रहे एक अन्य यात्री ने भी हादसे के दौरान की यादों को एएनआई के साथ साझा किया। हादसे में बचे एक यात्री ने कहा कि मैं बिहार का रहने वाला हूं। चेन्नई में एक कपड़ा दुकान में काम करता हूं। बिहार से चेन्नई जा रही थी। मैं S1 डिब्बे में था। सब कुछ सामान्य था। तभी अचानक जोरदार धमाका हुआ और बोगी पूरी तरह से पलट गई। बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। ईश्वर की कृपा है जो बच गए।
मैं S1 डिब्बे में था। बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, गाड़ी पूरी उलट गई थी। मैं बिहार का रहने वाला हूं और चेन्नई जा रहा था। मैं चेन्नई में एक कपड़ा दुकान में काम करता हूं: बालासोर में दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने बताया #BalasoreTrainAccident https://t.co/1VyoEQ1SIr pic.twitter.com/g3JDjIxVtD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2023
ईश्वर ने नया जीवन दिया है, हादसे को कभी नहीं भूल सकते
उधर, पश्चिम बंगाल का एक परिवार भी हादसे में बाल-बाल बचा है। सुब्रतो पाल, देबोश्री पाल और उनका बच्चा पश्चिम बंगाल के महिसदल, पुरबा मेदिनीपुर के मलूबसन गांव के रहने वाले हैं। सुब्रतो अपने बेटे को चेन्नई मे डॉक्टर को दिखाने के लिए ट्रेन से जा रहे थे। लौटते समय ट्रेन हादसा हो गया। सुब्रतो पाल ने एएनआई को बताया कि उन्हें हादसे में नया जीवन मिला है।
वे हम कल खड़गपुर स्टेशन से चेन्नई के लिए रवाना हुए थे। बालासोर स्टेशन के बाद ट्रेन को जोरदार झटका लगा। फिर हमने डिब्बे को धुएं से भरते देखा। डिब्बे में कोई दिखाई नहीं दे रहा था। यहां तक की बेटा भी दिखाई नहीं दे रहा था। तभी स्थानीय लोग हमारी मदद के लिए पहुंचे। उन्होंने हम सब लोगों को मलबे से बाहर निकाला। ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे दूसरा जीवन दिया है।
https://twitter.com/AHindinews/status/1664883319253901312
घायलों की मदद में लगी सरकारी मशीनरी
जानकारी के अनुसार, राहत कार्य में एनडीआरएफ की 7 टीमें, 5 ओडीआरएएफ यूनिटें, 24 अग्निशमन सेवाएं और आपातकालीन यूनिट लगी हुई हैं। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि दवाओं के साथ पैरामेडिकल स्टाफ के साथ 100 से ज्यादा मेडिकल टीमों को दुर्घटनास्थल पर भेजा गया है। 200 से ज्यादा एंबुलेंस घायलों को सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के अस्पतालों में ले जाने में लगी हुई हैं।
फंसे हुए यात्रियों को निकालने के लिए 30 बसें लगाई गई हैं। ओडिशा सरकार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा दे रही है। राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में घायलों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी दुर्घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।