Puri Rath Yatra Stampede Eyewitness: ‘पुलिस वाले गिरे हुए लोगों को बचाने के बजाय खुद की जान बचा कर भाग रहे थे…’ ये कहना है ओडिशा के पुरी में गुंडिचा मंदिर के सामने हुई भगदड़ के पीड़ितों का। बीते दिन पुरी में रथ यात्रा के एक भयानक हादसा हुआ। गुंडिचा मंदिर के सामने रथ यात्रा में शामिल लोगों के बीच अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस हादसे में अपने परिजनों को खोने वाले पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस वाले भगदड़ के दौरान गिरे लोगों को उठाने के बजाय खुद को बचाने भाग रहे थे।
खुद की जान बचा रही थी पुलिस…
इस भगदड़ में जान गंवाने वाली खुर्दा जिले की प्रभाती साहू के पति दिलीप साहू ने बताया कि जब रथ यात्रा के दौरान अचानक भगदड़ मच गई और लोग भागने लगे, इस दौरान कई लोग नीचे गिर गए। इस दौरान पुलिसकर्मी लोगों को बचाने के बजाय खुद को बचाने के लिए भाग रहे थे। दिलीप साहू ने बताया कि उसकी पत्नी बेहोश हो गई थी, जिसे उसने दूसरे श्रद्धालुओं की मदद से अस्पताल पहुंचाया। दिलीप साहू ने कहा कि पुलिस हम लोगों की रक्षा करने के लिए होती है, उन्हें हम लोगों की रक्षा करनी चाहिए थी, लेकिन वे खुद को ही बचा रहे थे।
#WATCH | Puri, Odisha | Arabinda K Padhee, Chief Administrator of Shree Jagannatha Temple Office, Puri, says, “The chariots in the Rath Yatra come to Shree Gundicha Temple. On 28th June, the three chariots reached the Shree Gundicha Temple, and as per ritual, they visited their… pic.twitter.com/Wnt0ODxtbM
— ANI (@ANI) June 29, 2025
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लोग गिर और चीख रहे थे
इस भगदड़ में जिंदा बचने वाले लोगों ने बताया कि रथ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की भीड़ अनियंत्रित हो गई थी, जिसकी वजह से रथ यात्रा में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा त्योहार से पहले पुलिसकर्मियों को मॉक ड्रिल करवाए गए थे, लेकिन इसके बाद भी भगदड़ के दौरान मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। रविवार को सभी की छुट्टी रहती है, इसलिए यात्रा में इस भीड़ भी बहुत रहती है, लेकिन भारी भीड़ होने के बाद भी मौके पर कोई पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिए। भगदड़ में लोग गिर रहे थे और चीख रहे थे, लेकिन कोई पुलिसकर्मी मदद करने नहीं आया।
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किसी तरह से बाल-बाल बची
रथ यात्रा के दौरान जान गंवाने वाली भक्त प्रभाती दास के पति अभिजीत दास ने बताया कि इस आफत की घड़ी में हमारी मदद के लिए कोई पुलिसकर्मी नहीं था, हम मदद के लिए पूरी तरह से खुद पर ही निर्भर थे। वहीं एक दूसरे चश्मदीद परिखिता मिश्रा ने बताया कि वह किसी तरह से इस भगदड़ में बाल-बाल बच गई। परिखिता मिश्रा ने कहा कि प्रशासन को रथों के आसपास का एरिया खाली रखना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले से भरे हुए रथों के सामने से दो ट्रक गुजरे, जिसकी वजह से सड़क पर जगह कम हो गई और लोगों के बीच भगदड़ मच गई।