Terror Funding Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एनआईए ने पिछले साल ट्रायल कोर्ट के समक्ष यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था। यासीन मलिक को अदालत ने उम्र कैद की सजा दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच सोमवार को एनआईए की याचिका पर सुनवाई करेगी।
National Investigation Agency (NIA) moves Delhi High Court seeking death penalty for Yasin Malik (chief of the banned Jammu and Kashmir Liberation Front) in terror funding case. Trial Court sentenced him to life imprisonment last year.
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---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 26, 2023
यासीन ने आरोपों का नहीं किया था विरोध
मई 2022 में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और एक आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। यासीन ने आरोपों का विरोध नहीं करने का फैसला किया था।
जिन अन्य पर आरोप लगाए गए उनमें हाफिज मुहम्मद सईद, शब्बीर अहमद शाह, हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद शाह वटाली, शाहिद-उल-इस्लाम, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान और फारूक अहमद डार शामिल थे। यह मामला कथित आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से जुड़ा था। उसे एनआईए ने 2019 में गिरफ्तार किया था।
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