NIA: कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सबसे बड़ी चोट की है। एनआईए ने केरल में पीएफआई के सबसे पुराने और सबसे बड़े हथियार ट्रेनिंग सेंटर को कुर्क कर लिया है। यह प्रतिबंधित पीएफआई संगठन का छठा ट्रेनिंग सेंटर है, जो एनआईए ने जब्त किया है। जबकि अब तक 18 संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।
एनआईए ने इसी साल 17 मार्च को मामले में पीएफआई संगठन सहित 59 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
10 हेक्टेअर में फैला है सेंटर
एनआईए ने जिस ट्रेनिंग सेंटर को कुर्क किया है, वह 10 हेक्टेयर में फैला है। इसका प्रबंधन ग्रीन वैली फांडेशन द्वारा किया जाता था। इसका इस्तेमाल पहले राष्ट्रीय विकास मोर्चा (NDF) के कैडरों द्वारा किया जाता था। बाद में पीएफआई इसका इस्तेमाल करने लगी।
NIA attaches sixth oldest and largest PFI arms training centre in Kerala spread in 10 hectares
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— ANI Digital (@ani_digital) July 31, 2023
यहां मिलती थी हथियारों की ट्रेनिंग
पीएफआई इस सेंटर का इस्तेमाल कैडरों को हथियारों की ट्रेनिंग के लिए करता था। लोगों को फिजिकली मजबूत भी यहीं बनाया जाता था। जिसमें हथियार चलाना, शारीरिक प्रशिक्षण और विस्फोटकों का उपयोग और परीक्षण शामिल था। इस सुविधा का उपयोग हत्या सहित अपराध करने के बाद कई ‘पीएफआई सर्विस विंग’ सदस्यों को शरण देने के लिए भी किया गया था। शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में पीएफआई और उसके प्रमुख संगठनों के कार्यालय इसी परिसर से संचालित हो रहे थे।
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पहले जब्त हो चुके हैं ये सेंटर
केरल में पीएफआई प्रशिक्षण केंद्र मालाबार हाउस, पेरियार वैली, वल्लुवनाद हाउस, करुण्य चैरिटेबल ट्रस्ट और त्रिवेंद्रम एजुकेशन एंड सर्विस ट्रस्ट (टीईएसटी) को एनआईए पहले जब्त कर चुकी है। अन्य 12 पीएफआई कार्यालय, जिनका उपयोग संगठन के नेतृत्व द्वारा हथियारों और शारीरिक प्रशिक्षण, वैचारिक प्रचार-प्रसार और हत्याओं और आतंकवादी गतिविधियों सहित विभिन्न अपराधों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए किया जाता था, उन्हें भी जब्त किया गया है।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
एनआईए की जांच से पता चला है कि पीएफआई संगठन के सदस्यों या नेताओं ने कई धर्मार्थ और शैक्षिक ट्रस्ट बना रखे हैं, जिनकी आड़ में आतंकी गतिविधियों का अंजाम दिया जा रहा है। जांच से यह भी पता चला है कि पीएफआई ने अपने प्रशिक्षण शिविर और आतंक और हिंसा से संबंधित गतिविधियों को चलाने के लिए कई इमारतें किराए पर ली थीं।
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