anti paperAnti Paper Leak Act Provisions: NEET 2024 एग्जाम पेपर लीक हुआ, फिर रिजल्ट आया तो उसमें भी गड़बड़ी मिली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पर सवाल उठे। पूरे देश में हाहाकार मच गया और छात्र सड़क पर उतर आए। सुप्रीम कोर्ट तक विवाद पहुंचा और पेपर कैंसिल करने की मांग उठी, लेकिन 25 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल हो तो अभी मामला विचाराधीन है। इस बीच UGC-NET एग्जाम पेपर होने के एक दिन बाद कैंसिल कर दिया गया। अब CSIR-NET एग्जाम भी कैंसिल कर दिया गया है। इससे पेपर लीक और रिजल्ट विवाद में NTA की भूमिका पर शक और ज्यादा गहरा गया।
The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 – the anti-paper leak law for examinations for central recruitment and entrance into central educational institutions, came into effect on Friday.
A gazette notification issued by the Ministry of Personnel, Public… pic.twitter.com/TMJhsDtcJ5
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 21, 2024
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गलतियां बर्बाद कर सकती हैं जिंदगी और करियर
विवाद बढ़ता देखकर सरकार ने सख्त रवैया अपनाया और फरवरी 2024 में पास किया एंटी पेपर लीक कानून आधी रात को लागू कर दिया। नोटिफिकेशन तक जारी कर दिया। इस कानून के प्रावधान इतने सख्त हैं कि 10 साल की जेल तक हो सकती है। एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। कानून में क्वेश्चन पेपर से लेकर आंसर शीट तक से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन करना इतना महंगा पड़ सकता है कि जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।
स्टूडेंट्स से लेकर सरकारी अफसर तक इस कानून के दायरे में आएंगे, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाएं देने वाले परीक्षार्थी इसके दायरे में नहीं आएंगे। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग रिक्रूटमेंट और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा लिए जाने वाले एग्जाम इसके दायरे में आएंगे तो आइए जानते हैं कि कानून के तहत पेपर या आंसर-की लीक कराने, रिजल्ट में गड़बड़ी करने को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं, जिन्हें तोड़ना सख्त मना है…
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आंसर शीट और OMR शीट से छेड़छाड़
कानून के अनुसार, एग्जाम पेपर की आंसर शीट और OMR शीट के साथ छेड़छाड़ करना अपराध होगा। यह क्राइम करने वाले को कम से कम 3 साल और अधिक से अधिक 5 साल तक की जेल होगी और 10 लाख रुपये से तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सरकारी अधिकारी को मिलेगी ज्यादा सजा
कानून के तहत, अगर पेपर लीक और रिजल्ट में गड़बड़ी कराने में मंत्रालय या विभाग के सरकारी अधिकारी ने मदद की और वह दोषी करार दिया गया तो उसे 3 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा।
एग्जाम सेंटर दोषी हुए तो भुगतेंगे कड़ा अंजाम
एंटी पेपर लीक कानून के तहत, अगर पेपर लीक कराने में एग्जाम सेंटर की भूमिका साबित हुई तो उस परीक्षा केंद्र को 4 साल तक के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। 4 साल तक उस स्कूल, कॉलेज या इंस्टीट्यूट को एग्जाम सेंटर नहीं बनाया जाएगा।
बिना परमिशन प्रश्न पत्र और OMR शीट रखना
कानून के तहत, अगर प्रश्न पत्र साथ लेकर जाने की परमिशन नहीं है और फिर भी परीक्षार्थी पेपर साथ ले जाता है तो इसे क्राइम माना जाएगा। OMR शीट चोरी छिपे अपने पास रखना भी अपराध के दायरे में आएगा।
एग्जाम लिखने के लिए मदद लेना
कानून के तहत, किसी कारण से एग्जाम पेपर लिखने के लिए किसी की मदद लेना भी अपराध के दायरे में आएगा। अगर सरकारी अनुमति नहीं ली है और एग्जामिनर मदद करता है तो ऐसा करना क्राइम होगा। इसके लिए सजा भुगतनी पड़ सकती है। हाथों से दिव्यांग लोग इसके दायरे में नहीं आएंगे।
परीक्षार्थी की किसी भी तरीके से मदद करना
नए कानून के तहत, नकल कराने वाले संभल कर रहें। अगर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से परीक्षार्थी की मदद कराता, नकल कराता पकड़ा गया तो उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है।
पेपर चेकिंग करते समय गड़बड़ करना
कानून के तहत, टीचर्स अगर पेपर चेकिंग करते समय किसी तरह की गड़बड़ करेंगे और वह पकड़ में आ गई तो कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं। जैसे हाल ही में एक टीचर ने एग्जाम पेपर चेक करते समय रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी और उसके खिलाफ FIR दर्ज हो गई थी।
मेरिट के लिए डॉक्यूमेंट्स से छेड़छाड़
कानून के तहत, किसी बड़े कॉलेज, यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने के लिए एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स के साथ छेड़छाड़ की या किसी तरह का बदलाव कराया तो सजा भुगतनी पड़ सकती है। अकसर देखा जाता है कि लोग फर्जी मार्कशीट या सर्टिफिकेट पैसे देकर बनवा लेते हैं।
ऑनलाइन एग्जाम के समय कंप्यूटर को छेड़ना
आजकल देश में ऑनलाइन एग्जाम कराने का चलन है। इससे पैसा और समय दोनों की बचत होती है, लेकिन कानून को तहत अगर ऑनलाइन एग्जाम देते समय किसी भी तरीके से कंप्यूटर से छोड़छाड़ की जाएगी तो क्राइम कहलाएगा। आरोपी को सजा भुगतनी पड़ सकता है।
परीक्षार्थी की सीटिंग, पेपर की तारीख या शिफ्ट
एक ओर जहां पेपर लीक की शिकायतें मिलीं, वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने शिकायत की कि पेपर देरी से दिया गया और फिर पूरा करने का समय भी नहीं दिया गया या समय दिया गया तो वह सभी को नहीं दिया गया। कानून के तहत इस तरह पेपर लेट देना या किसी को पेपर पूरा करने का अतिरिक्त समय देना। तय सिस्टम को तोड़ते हुए किसी परीक्षार्थी के बैठने की जगह बदलना भी अपराध होगा। इसके लिए एग्जामिनर या सुपरिंटेंडेंट को सजा भुगतनी पड़ सकती है।
एग्जामिनर या सुपरिंटेंडेंट को धमकाना
कानून के तहत, परीक्षा केंद्र में जाकर या बाहर से किसी भी परीक्षा केंद्र के एग्जामिनर या सुपरिंटेंडेंट को धमकाना भी अपराध के दायरे में आएगा। ऐसा करने वालों को सजा और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ सकता है।
नकली वेबसाइट बनाना भी अपराध होगा
कानून के तहत, किसी भर्ती परीक्षा से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना अपराध के दायरे में आएगा। किसी एग्जाम करने वाली संस्था, आयोग या एजेंसी की नकली वेबसाइट बनाने पर भी सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके लिए भी जुर्माने का प्रावधान रहेगा।
नकली एडमिट कार्ड या नकली एग्जाम कराना
कानूनी के तहत, पेपर लीक कराने के मकसद से या किसी दूसरे की जगह पेपर दिलाने के लिए नकली एडमिट कार्ड बनाकर देना। पैसे ऐंठने के लिए नकली भर्ती परीक्षा करा देना महंगा पड़ सकता है। इसके लिए जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।