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‘NIA जांच की मांग क्यों नहीं की…’, मुर्शिदाबाद हिंसा पर भड़के हिंदू संगठन, ममता सरकार पर लगाए ये आरोप

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर हिंदू संगठनों ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार जिहादियों का समर्थन कर रही है। मामले की जांच एनआईए से क्यों नहीं करवाई गई। विस्तार से मामले के बारे में जान लेते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 19, 2025 15:36
Murshidabad violence

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर बंगाल सरकार के खिलाफ विहिप और बजरंग दल ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया। 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। ANI की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शन के दौरान विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ममता बनर्जी की कड़ी आलोचना की।

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उन्होंने कहा कि हम देश को आतंकवाद के मुहाने पर नहीं जाने दे सकते। हमारा उद्देश्य हिंदुओं को हर खतरे से बचाना है। ममता बनर्जी खुद मान चुकी हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा में विदेशी लोग शामिल थे। बंसल ने कहा कि अगर ये बात सच है तो क्या ममता सो रही थीं? उन्होंने हिंसा की जांच एनआईए से क्यों नहीं करवाई। बंसल ने आरोप लगाया कि ममता सरकार हिंदू विरोधी काम कर रही है। इस सरकार को हटाना जरूरी है। ममता जिहादियों का समर्थन करती हैं, पहले जो कम्युनिस्टों ने किया, वही अब किया जा रहा है।

हैदराबाद में भी जोरदार प्रदर्शन

हैदराबाद में भी शनिवार को जोरदार प्रदर्शन हुआ। विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वहीं, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मुर्शिदाबाद हिंसा पर बीएसएफ के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ममता के आरोप गैरजिम्मेदाराना और झूठे हैं। उन्होंने जो एक मुस्लिम मौलवी के साथ बैठक के दौरान कहा, वह गलत है। कुमार ने सुझाव दिया कि केंद्र को मौजूदा स्थिति के कारण पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए।

आलोक ने पूछे ये सवाल

आलोक कुमार ने सवाल उठाए कि अगर ममता को लगता है कि हिंसा का बांग्लादेश से कोई संबंध है तो उन्होंने एनआईए जांच का अनुरोध क्यों नहीं किया। अगर हिंसा में बांग्लादेश शामिल था और इसके लिए बीएसएफ जिम्मेदार है, तो यह एनआईए का अधिकार क्षेत्र है। हमें अपने सुरक्षा बलों के खिलाफ इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं दिए जाने चाहिए। अगर कोई सबूत है तो ममता पेश करें।

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First published on: Apr 19, 2025 03:28 PM

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