वक्फ संशोधन कानून देश में लागू होने के बाद से ही विभिन्न मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 8 से 13 जनवरी के बीच जमकर हिंसा हुई। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोग घायल हो गए। हिंसा थमने के बाद अभी भी कई क्षेत्रों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लागू है। हालांकि कई इलाकों में इंटरनेट बहाल कर दिया गया है। वहीं शमशेरगंज में अभी भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इंटरनेट भी बंद है।
1000 से अधिक हिंदू परिवारों ने किया पलायन
हिंसा के बाद करीब 500 हिंदू परिवार घर छोड़कर चले गए थे। प्रशासन इनमें से 200 परिवारों को पुनः बसाने में सफल रहा है। कुछ स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि 1000 से अधिक परिवार घर छोड़कर गए हैं। मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में बीएनएस की धारा 163 लागू है। वहीं कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं हाईकोर्ट के आदेश हिंसा वाले क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा बल तैनात किया गया है। इसके बाद स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है।
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जांच के लिए एसआईटी गठित
उधर ममता सरकार ने हिंसा की जांच के लिए 9 सदस्यीय एसआईटी गठित की है। इस बीच खुलासा हुआ है कि हिंसा भड़काने में बांग्लादेशी संगठन जिम्मेदार है। हालांकि एजेंसियां फिलहाल जांच में जुटी है। वहीं सीमा पर पहरा कड़ा कर दिया गया है। बीएसएफ को और अधिक मुस्तैदी से काम करने के लिए कहा गया है।
सीएम ममता ने बीजेपी पर लगाए आरोप
सीएम ममता बनर्जी राज्य में तनावपूर्ण हालात के बीच राज्य के इमामों को एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। सीएम ने कहा कि जब बांग्लादेशियों ने दंगा भड़काया है तो बीएसएफ ने उनको आने क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा का जवाब 2026 के बाद दिया जाएगा। इस दौरान ममता ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा।
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