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2 लाख सैलरी, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी, रूस गए यूपी के युवा हुए ‘लापता’

Indians in Russia War: यूपी के कई जिलों से लगभग एक दर्जन युवा काम की तलाश में अपने देश से दूर गए थे। रूस बॉर्डर पर उनको लाखों की नौकरी दिलाने का वादा किया गया, लेकिन उनमें से कई की अभी तक कोई खबर नहीं है।

Edited By : Shabnaz | Updated: Jan 20, 2025 07:48
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missing Indians in Russia

Indians in Russia War: यूक्रेन-रूस युद्ध को तीन साल होने वाले हैं, लेकिन यह अभी भी जारी है। इस युद्ध का ताल्लुक भारत के उत्तर प्रदेश से भी है। दरअसल, यूपी के दो जिले, आजमगढ़ और मऊ से पिछले साल दर्जनों नौजवान अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने की उम्मीद से रूस गए थे। उनको दो लाख रुपये महीना सैलरी पर ले जाया गया था। लेकिन इस युद्ध में तीन युवक अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा दो घायल अवस्था में वापस अपने देश लौट आए। लेकिन अभी 8 लोग ऐसे हैं जिनके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।

नौकरी के लिए गए रूस

पिछले साल देश में युवाओं के लिए नौकरी के विज्ञापन निकाले गए थे। जिसमें उन्हें रूस में सुरक्षा गार्ड, सहायक और रसोइये के रूप में नौकरी की पेशकश की गई। इसके लिए 2 लाख रुपये महीना देने का वादा किया गया। लेकिन इसके बजाय उन्हें जबरन युद्ध के मैदान में भेज दिया गया। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध में आजमगढ़ के कन्हैया यादव और मऊ के श्यामसुंदर और सुनील यादव ने अपनी जान गंवा दी।

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8 लोग अभी भी लापता

युद्ध में घायल हुए होने वाले आजमगढ़ के राकेश यादव और मऊ के बृजेश यादव अब घर लौट आए हैं। वहीं, 8 लोग जिसमें विनोद यादव, योगेंद्र यादव, अरविंद यादव, रामचंद्र, अजहरुद्दीन खान, हुमेश्वर प्रसाद, दीपक और धीरेंद्र कुमार का नाम शामिल है, उनके बारे में किसी कोई खबर नहीं है। उनके परिवार वाले आज भी उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।

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एग्रीमेंट पर कराए धोखे से साइन

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध से वापस लौटे राकेश ने कहा कि मैं जनवरी 2024 में रूस गया था। जिस एजेंट ने मुझे सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाई, उसने 2 लाख रुपये महीना सैलरी की बात की थी। उन्होंने आगे बताया कि जब वह सब रूस पहुंचे तो उनसे एक एग्रीमेंट पर साइन कराए गए। वह रूसी भाषा में था जिसकी वजह से हमे समझ नहीं आया। पूछने पर उन्होंने बताया कि इसमें हमारे काम के बारे में सब लिखा है।

इसके बाद उनको रॉकेट दागने, बम फेंकने और दूसरे हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी गई। सभी लोगों ने जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह ट्रेनिंग सेल्फ डिफेंस के लिए दी जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि रूसी सेना में सेवा के दौरान 12 भारतीय मारे गए हैं, इसके अलावा अभी 16 लोग लापता हैं।

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Edited By

Shabnaz

First published on: Jan 20, 2025 06:59 AM

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