Manipur Viral Video Case: मणिपुर हिंसा मामले में आज लगातार दूसरे दिन भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का सख्त रूख देखने को मिला। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों से ऐसे सभी मामलों में दर्ज एफआईआर का विवरण मांग है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने हिंसा दौरान दर्ज सभी FIR, जांच के लिए उठाए गए कदम, पुनर्वास के प्रयास समेत आदि मुद्दों पर जवाब मांगा है।
शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ उन दो आदिवासी महिलाओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है जिन्हें मणिपुर में निर्वस्त्र कर घुमाया गया था और उनका यौन उत्पीड़न भी किया गया था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि करीब तीन महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य में शुरू हुई हिंसा भड़कने के बाद यह महिलाओं के खिलाफ एकमात्र उदाहरण नहीं है।
सीजेआई ऐसा नहीं होना चाहिए कि ‘जब कोई दूसरा वीडियो सामने आए तभी हम मामला दर्ज करने का निर्देश दें। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन 3 महिलाओं के साथ न्याय हो।’
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याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई को दौरान कोर्ट से कहा कि वे मामले की CBI जांच नहीं चाहते हैं और ही राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह साफ है कि पुलिस हिंसा करने वालों का साथ दे रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पक्षपात की अगर कोई बात है, तो एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की आवश्यक्ता है।
वहीं एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने पूरे मामले की जांच एक हाई पावर कमेटी से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस कमेटी में सिविल सोसाइटी से जुड़ीं ऐसी महिलाएं शामिल होनी चाहिए जिन्हें ऐसे मामलों से निपटने का अनुभव हो।
आपको बता दे दोनों महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का मामला 19 जुलाई को उस वक्त सामने आया था, जब घटना का वीडियो वायरल हो गया था। पुलिस ने अबतक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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