Lok Sabha Election 2024 Rahul Gandhi Nyay Yatra: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इंडिया गठबंधन की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए एक और यात्रा शुरू करने जा रही है। इस यात्रा का नाम न्याय यात्रा है। यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर में शुरू होगी और 20 मार्च को मुबंई में खत्म हो जाएगी। कांग्रेस की मानें तो वे इस यात्रा के जरिए नाॅर्थ-ईस्ट और यूपी, एमपी, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में खोए जनाधार को पुनः पा सकेगी।
पार्टी का यह मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा के कारण ही उनकी पार्टी को कर्नाटक और हिमाचल में जीत मिली। इधर लोकसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दलों में बड़ी बैचेनी है। इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टियां सीट बंटवारे को लेकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने के कारण बड़ी असमंजस में है। खास तौर से जेडीयू और शिवसेना।
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फरवरी के अंत तक चुनाव का ऐलान संभव
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग फरवरी के अंत तक चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है और अप्रैल में 2-3 चरण के चुनाव भी करा सकता है। ऐसे में राहुल गांधी की यह न्याय यात्रा कांग्रेस को बड़ा फायदा पहुंचा सकती है। भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी को एक जिम्मेदार नेता बनाया था। अब न्याय यात्रा उसके सत्ता के दरवाजे तक पहुंचा सकती है। हालांकि कांग्रेस इंडिया गठबंधन को कितना गंभीरता से ले रही है इसको लेकर कई चुनावी विश्लेषक सवाल खड़े कर चुके हैं। हालांकि बिना गठबंधन वे सत्ता तक नहीं पहुंच सकते ये भी कुछ विश्लेषक मानकर चल रहे हैं।
मोदी बनाम राहुल गांधी फायदा किसे?
कांग्रेस की रणनीति को देखकर लग रहा है कि इस बार का चुनाव भी नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी रहने वाला है। ऐसे में राहुल गांधी की बदली हुई छवि कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कुल मिलाकर राहुल गांधी और कांग्रेस की न्याय यात्रा देश के 15 राज्यों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा 110 जिलों और 100 लोकसभा सीटों से होकर 6700 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
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एक और दिलचस्प बात इन 15 राज्यों में लोकसभा की 357 सीटें हैं। भारत जोड़ो यात्रा मणिपुर, नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, यूपी, एमपी, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।
इससे पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में रामेश्वरम से जम्मू-कश्मीर तक कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इसके बाद पार्टी को पिछले साल 3 बड़ी सफलताएं भी मिली। पार्टी ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में जीत हासिल की। हालांकि नवंबर 2023 में पार्टी को राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा।
7 राज्यों से गायब हो गई कांग्रेस
यूपी समेत देश के 7 राज्यों से कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई है। पिछले दो आम चुनावों में पार्टी को इन राज्यों में नाम मात्र की सीटें भी नहीं मिल रही है। पार्टी का राजस्थान, गुजरात, मेघालय, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा में खाता भी नहीं खुल सका। ऐसे में कांग्रेस को इस यात्रा से बड़ी उम्मीदें हैं।
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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक संजीवनी की तलाश में है। पीएम मोदी की लोकप्रियता केे आगे कांग्रेस कहीं टिक नहीं पाती है। हालांकि कुछ विधानसभाओं में लोगों ने जरूर उनके चेहरे को नजरअंदाज किया है मगर जब बात आम चुनाव की आएगी तो देश में पीएम मोदी के आगे कोई नहीं टिकता। 2014 और 2019 में लगातार 2 बार चुनाव जीतने के बाद अब पार्टी लगातार तीसरी बार उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उत्साहित है। अब यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है कि कांग्रेस पार्टी को भारत जोड़ो और न्याय यात्रा से कितना लाभ मिलेगा।