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वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए अहम खबर, तीन दिन के लिए बाजार, दुकानें, रेस्टोरेंट सब बंद

Jammu Kashmir News: श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा की तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। प्रशासन के साथ बात न बनने पर समिति ने मंगलवार को ही 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान कर दिया था। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 25, 2024 10:52
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Jammu Kashmir News

Katra News: माता वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए अहम खबर है। कटरा रोपवे परियोजना के विरोध में श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान मंगलवार को किया था। बुधवार सुबह से हड़ताल शुरू हो गई है। यहां देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। भक्तों न घोड़ा मिलेगा न पालकी।

18 दिसंबर को भी कटरा रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। एक दिन के लिए बाजार बंद किया गया था। जिसके बाद लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। प्रशासन से हुई बैठक में सहमति नहीं बनने के बाद श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। जिसके बाद बुधवार को ढाबे आदि बंद रहे।

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इससे पहले जब दुकानें और ढाबे बंद किए गए थे, तब जिलाधिकारी ने भरोसा दिया था कि 23 दिसंबर तक मामले में अहम फैसला लिया जाएगा। लेकिन कटरा संघर्ष समिति के पक्ष में मंगलवार को निर्णय नहीं हुआ। जिसके बाद समिति के पदाधिकारियों ने स्ट्राइक का ऐलान कर दिया। बता दें कि श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने रोपवे बनाने का ऐलान किया है। जो ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच बनाया जाना है।

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इसकी कुल दूरी 12 किलोमीटर है, जिसके ऊपर 250 करोड़ रुपये की लागत से यात्री रोपवे परियोजना शुरू की गई है। इसके विरोध में न केवल दुकानदार हैं, बल्कि पिट्ठू और पालकीवालों के साथ स्थानीय लोग भी प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। यह रोपवे मार्केट को बाईपास कर देगा। जिससे तीर्थयात्री बाजार से नहीं गुजर पाएंगे। इससे सीधा उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा।

परियोजना रद्द करने की मांग

लोगों ने इससे पहले 15 दिसंबर को भी मुख्य बाजार में जोरदार प्रदर्शन कर मार्च निकाला था। मंदिर प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से उन लोगों की रिहाई की मांग की थी, जो पिछले महीने प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे। स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने पिछले महीने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ चार दिवसीय धरने का ऐलान किया था। जिसमें मजदूर और पालकी संचालक भी शामिल थे। लोगों ने मांग की है कि इस परियोजना को रद्द किया जाए।

 

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 25, 2024 10:52 AM

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