श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के ‘न्याय’ वाले बयान पर निशाना साधा है। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद आतंकवादी घटनाएं कम हुई हैं।
मंगलवार को एक समारोह में मनोज सिन्हा ने अब्दुल्ला के उस बयान को अस्वीकार कर दिया जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि न्याय नहीं मिल जाता।
अभी पढ़ें – जम्मू-कश्मीर: सुंजवां हमला मामले में आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी NIA
अब्दुल्ला के इस बयान पर मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में नेकां प्रमुख के कार्यकाल के दौरान हुई कश्मीरी पंड़ितो और सिखों की हत्याओं की याद दिलाई और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में आतंकवाद कम हुआ है।
मनोज सिन्हा ने पूछा- किसके लिए न्याय?
मनोज सिन्हा ने कहा, “कुछ लोग न्याय की बात कर रहे हैं। किसके लिए न्याय? उन्होंने कहा कि आंकड़ों पर नजर डालें तो आपको पता चलेगा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद काफी कम हो गया है। यह सच है कि कुछ निर्दोष लोग मारे गए हैं, लेकिन यह यह भी सच है कि लंबे समय से बने हुए इकोसिस्टम को खत्म करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
उपराज्यपाल ने कहा कि मैं संतुष्ट महसूस करता हूं कि पिछले ढाई वर्षों में पुलिस या सुरक्षा कर्मियों की गोली से एक भी निर्दोष व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। किसी भी संदेह की स्थिति में सख्त से सख्त कार्रवाई करने का प्रयास किया गया है। यदि मैं आंकड़े बता दूं तो लोग दंग रह जाएंगे।
अभी पढ़ें – पीएम मोदी ने गुजरात में Defence Expo का उद्घाटन किया, 52 विंग एयर फोर्स स्टेशन की आधारशिला रखी
फारूख अब्दुल्ला ने उठाए थे सवाल
शोपियां में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। इसके बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, “जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हत्याएं कभी नहीं रुकेंगी। पहले वे हर चीज के लिए धारा 370 को दोष देते थे कि अब इसे हटा दिया गया है। घाटी में अभी भी ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है, मुझे बताओ। अगर वास्तव में स्थिति में सुधार होता तो इस पंडित को नहीं मारा गया होता”।
अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें