जम्मू-कश्मीर के डोडा में बादल फटने से तबाही मच गई है। अचानक आए सैलाब में दस से अधिक घर बर्बाद हो गए हैं। इलाके में राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोडा में चिनाब नदी बेहद खतरनाक स्तर पर बह रही है। बांधों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए बघलियार पावर प्रोजेक्ट और सलाल प्रोजेक्ट के गेट खोले जा सकते हैं।
बता दें कि इस घटना से पहले ही मौसम विभाग ने कठुआ, सांबा, डोडा, जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ जिलों सहित कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी थी। एहतियातन कई क्षेत्रों में स्कूलों को बंद कर दिया था। इसके साथ ही, ग्रामीणों को भी अलर्ट पर रखा गया था।
बादल फटने की घटना के बाद जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद कर दिया, वैष्णोदेवी की भी यात्रा रोक दी गई है गए हैं। वहीं इस घटना में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
एसडीएम अरुण कुमार बड्या ने घटना से पहले बताया था कि पिछले 72 घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण कुछ घरों में दरारें आ गई हैं। लगभग 4-5 घर खतरे में हैं। वे रहने लायक नहीं हैं। हम प्रभावित परिवारों को पास के सरकारी संस्थानों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं। सभी घरों का आकलन किया जा रहा है। हम जल्द ही एक रिपोर्ट भेजेंगे। हमारी प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। तवी, व्यास, उझ और रावी नदियाँ सामान्य से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। तत्काल सहायता के लिए आपातकालीन संपर्क नंबर: 0191-2525542 और 0191-2571616 जारी किए हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि पहाड़ी इलाकों में ट्रेकिंग करने से बचने और सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी है।










