Indian Navy INS Imphal Features: हिन्द महासागर में चीन, लाल सागर में हूती विद्रोहियों की घुसपैठ बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए भारतीय नौसेना भी अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए भारतीय नौसेना ब्रह्मोस और आधुनिक हथियारों से लैस INS इंफाल को कमीशन करने जा रही है। INS इंफाल भारतीय नौसेना का पहला वॉरशिप है, जिसका नाम नॉर्थ-ईस्ट से जुड़ा है और इस नाम के लिए राष्ट्रपति ने 16 अप्रैल 2019 को मंजूरी दी थी। INS इंफाल को कल 26 दिसंबर को मुंबई स्थित शिपयार्ड मझगांव डॉकशिप बिल्डर्स लिमिटेड (MDL) से इंडियन नेवी में कमीशन किया जाएगा। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहेंगे। वॉरशिप को सभी तरह के टेस्ट करने के बाद गत 20 अक्टूबर 2023 को भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया गया था।
🇮🇳 Indian Navy’s Indigenously built destroyer ‘INS Imphal’ ⚓️ launches the BrahMos cruise missile over the Arabian Sea two days before her commissioning. pic.twitter.com/9CstGk10ZR
— Hinduvaadi Tapan (@hinduvaaditapan) December 24, 2023
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6 महीने की टेस्टिंग के बाद भारतीय नौसेना को सौंपा
INS इंफाल को भारतीय नौसेना की इन-हाउस ऑर्गेनाइजेशन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। वॉरशिप को बनाने का काम 19 मई 2017 को शुरू हो गया था। इसे 20 अप्रैल 2019 को पानी में उतार दिया गया था। ऐसे में इस वॉरशिप को बनाने और इसकी टेस्टिंग करने में किसी भी समुद्री जहाज को बनाने में लगने वाला सबसे कम समय है। इसे 28 अप्रैल 2023 को समुद्र में टेस्टिंग के लिए उतारा गया था। 6 महीने की टेस्टिंग के बाद 20 अक्टूबर को इसे भारतीय नौसेना को दे दिया गया। इससे पहले प्रोजेक्टर 15बी के तहत निर्मित INS विशाखापट्टनम को 21 नवंबर 2021 और INS मरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को कमीशन करके भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत को बढ़ाया था। अब INS इंफाल के जरिए भारतीय नौसेना अपनी ताकत को और ज्यादा बढ़ाकर दुश्मनों को आगाह कर रही है।
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INS इंफाल की खासियतें…
- 57 फीट ऊंचाई, 535 फीट लंबाई, 7400 टन वजन
- 56 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार, आधुनिक हथियार
- सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल
- एंटीशिप सेंसर्ड मिसाइल, सर्विलांस राडार
- 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 76MM रैपिड माउंट गन
- 75% हिस्सा स्वदेशी, स्टील DMR 249A से बना
- 42 दिन समुद्र में रह सकता, 300 सैनिक तैनात हो सकते
- 32 बराक, 8 मिसाइल, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल
- 2 ध्रुव और सी-किंग हेलिकॉप्टर, 2 एंटी सबमरीन
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