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भारतीय नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा, बेड़े में शामिल हुआ दुश्मन की सबमरीन का काल ‘अंजदीप’

What is Anti-Submarine: अंजदीप की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी जहाज निर्माण की खोज में एक और मील का पत्थर है, जो सरकार के 80% से अधिक स्वदेशी सामानों के साथ आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दिखा रहा है.

Author Written By: Pawan Mishra Updated: Dec 22, 2025 19:53

Anti-Submarine Anjdeep: भारतीय नौसेना के एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट के आठ जहाजों में से तीसरे जहाज अंजदीप को कर दिया गया है. इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कोलकाता ने आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाया है. लगभग 77 मीटर लंबाई वाले ये जहाज, वॉटरजेट के तहत संचालित सबसे बड़े भारतीय नौसेना युद्धपोत हैं और अत्याधुनिक हल्के टॉरपीडो, स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए पनडुब्बी रोधी रॉकेट से लैस हैं, जो पानी के नीचे के खतरों का प्रभावी ढंग से पता लगाने और खतरों को निपटारा करने में सक्षम हैं.

यह जहाज नौसेना की पनडुब्बी रोधी, तटीय निगरानी और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमताओं को मजबूत करेगा. जहाज का नाम कर्नाटक के कारवार के तट पर स्थित अंजादीप द्वीप से लिया गया है, जो अपने विशाल समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारतीय नवसेना की ताकत को दिखाता है. अंजदीप की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी जहाज निर्माण की खोज में एक और मील का पत्थर है, जो सरकार के 80% से अधिक स्वदेशी सामानों के साथ आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दिखा रहा है.

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कैसे पड़ा अंजदीप नाम?


भारत की नौसेना में शामिल हुआ नया युद्धपोत INS अंजदीप अपनी विशेषताओं और नाम दोनों के कारण चर्चाओं में है. इस जहाज का नाम कर्नाटक के करवार तट के समीप स्थित ऐतिहासिक अंजादीप द्वीप से प्रेरित है. यही द्वीप उस पूर्व INS अंजादीप की स्मृति को भी जीवंत करता है, जो पेट्या श्रेणी का जहाज था और 2003 में सेवामुक्त कर दिया गया था. नए जहाज के नाम से न केवल पुराने गौरव को नया रूप मिला है, बल्कि यह नौसेना की परंपरा और विरासत को भी आगे बढ़ाने का संदेश देता है.

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First published on: Dec 22, 2025 07:53 PM

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