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ढाई लाख युवाओं को देश से निकालेगा अमेरिका, लिस्ट में सबसे ज्यादा भारतीयों के नाम

Indian Americans to deported: अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के बच्चों की मुसीबतें बढ़ने वाली है। तकरीबन ढाई लाख बच्चों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है। इसमें ज्यादातर भारतीयों का नाम भी शामिल है। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jul 27, 2024 10:03
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Indian American Visa

Indian Americans to deported: अमेरिका जाना कई भारतीयों का सपना होता है। खासतौर पर बच्चों की पढ़ाई के लिए कई लोग काम का वीजा लेकर अमेरिका में बस जाते हैं। हालांकि अब ढाई लाख से ज्यादा बच्चों पर निर्वासन की तलवार लटक रही है। खबरों की मानें तो अमेरिका जल्द ही लाखों बच्चों को स्वदेश वापस भेजने की तैयारी कर रहा है। इस लिस्ट में कई भारतीय-अमेरिकी मूल के बच्चों का नाम शामिल है।

डॉक्यूमेंट ड्रीमर्स

दरअसल अमेरिका के नियमों में बच्चे सिर्फ 21 साल तक माता-पिता पर निर्भर रह सकते हैं। 21 साल का पूरा होने के बाद बच्चों को माता-पिता के वीजा पर अमेरिका में रहने की इजाजत नहीं है। ऐसे में कई भारतीय बच्चों के साथ अमेरिका में जाकर बस गए हैं। मगर जब उनके बच्चे 21 साल के होंगे तो उन्हें बच्चों को भारत वापस भेजना होगा। पेरेंट्स के वीजा पर अमेरिका में रहने वाले बच्चों को डॉक्यूमेंट ड्रीमर्स कहा जाता है। 21 साल का होते ही अगर डॉक्यूमेंट ड्रीमर्स के पास खुद का वीजा नहीं है तो उन्हें देश से निकाल दिया जाता है। खबरों की मानें तो डॉक्यूमेंट ड्रीमर्स में कई भारतीयों के बच्चे भी शामिल हैं।

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एजिंग आउट

बता दें कि नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) ने अमेरिका में नागरिकता का अध्ययन किया। इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इसके अनुसार करीब 12 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड वीजा का इंतजार कर रहे हैं। इमिग्रेशन एंड नेशनलिस्ट एक्ट (INA) के अनुसार अगर कोई बच्चा 21 साल से पहले वैध स्थायी निवासी (LPA) का दर्जा पाने के लिए आवेदन करता है और ग्रीन कार्ड मिलने से पहले वो 21 साल का पूरा हो जाता है। तो उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे में बच्चे को व्यसक के रूप में आवेदन करना होगा, नहीं तो उसे देश छोड़कर जाना होगा। इस प्रक्रिया को एजिंग आउट कहा जाता है।

43 सांसदों ने बाइडेन को लिखा पत्र

अमेरिकी नियमों के अनुसार 21 साल का होने के बाद बच्चे को ग्रीन कार्ड पाने के लिए लंबा इंतजार करना होगा। हालांकि इस बात की गारंटी नहीं है कि बच्चे को ग्रीन कार्ड प्राप्त होगा। मुमकिन है कि उसका आवेदन रद्द कर दिया जाए। ऐसें में अब 2.5 लाख बच्चों का भविष्य अब खतरे में है। अमेरिका के 43 सांसदों ने इस समस्या पर संज्ञान लेने की बात कही है। सांसदों ने बाइडन प्रशासन को पत्र लिखते हुए कहा कि ये युवा अमेरिका में पले बढ़े हैं। अमेरिका स्कूल प्रणाली में अपनी शिक्षा पूरी करते हैं और अमेरिकी स्कूल से स्नातक की डिग्री हासिल करते हैं। हालांकि इन्हें स्थायी निवासी का दर्जा हासिल करने के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है।

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Sakshi Pandey

First published on: Jul 27, 2024 10:03 AM

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