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सर्च करेगा और ढेर कर देगा! LAC पर चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, आ रहे हैं 31 हंटर किलर ड्रोन्स

31 US Hunter killer drones for Indian Army: एमक्यू 9बी रिपर या प्रिडेटर-बी ड्रोन्स 40 घंटे तक 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं। ये एयर टू ग्राउंड मार करने वाली हेलफायर मिसाइलों से लैस होते हैं।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Aug 14, 2024 14:48
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प्रिडेटर ड्रोन्स के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है।
प्रिडेटर ड्रोन्स के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है।

31 US Hunter killer drones for Indian Army: चीन और पाकिस्तान से आसन्न खतरे के बीच भारत ने अमेरिका से एमक्यू-9बी हंटर किलर ड्रोन खरीदने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि ये महत्वाकांक्षी डील इसी साल नवंबर-दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इस डील के तहत भारत 31 हंटर किलर ड्रोन खरीदेगा, जो हथियारों से लैस होंगे। इन ड्रोन्स को रिमोट से चलाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस डील के तहत मिलने 31 ड्रोन्स में 15 ड्रोन नेवी के लिए होंगे और 8-8 ड्रोन आर्मी और एयरफोर्स को दिए जाएंगे।

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भारत और अमेरिका के हंटर ड्रोन की ये डील उस समय हो रही है, जब लद्दाख में चीन की ओर से सीमा पर लगातार चुनौती मिल रही है। लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को पांच साल हो गए हैं। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को ड्रोन्स की सप्लाई की है। इसके तहत चीन ने पाकिस्तान कई हांग-4 और विंग लूंग-2 ड्रोन्स सप्लाई किए हैं। पाकिस्तान ने चीन से 16 और सीएच-4 ड्रोन्स की मांग की है। पाकिस्तान आर्मी के पास सात सीएच-4 ड्रोन्स हैं, वहीं पाकिस्तानी नेवी के पास 3 ड्रोन्स हैं।

एमक्यू-9बी प्रिडेटर ड्रोन्स की खासियत

एमक्यू 9बी रिपर या प्रिडेटर-बी ड्रोन्स 40 घंटे तक 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं। ये एयर टू ग्राउंड मार करने वाली हेलफायर मिसाइलों से लैस होते हैं। वहीं इनके पास घातक हमले के लिए स्मार्ट बम भी होते हैं। प्रिडेटर-बी ड्रोन्स चीन के ड्रोन्स के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस हैं।

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अमेरिका की कंपनी जनरल एटॉमिक्स से लीज पर लिए गए दो ड्रोन्स के जरिए भारतीय समुद्री क्षेत्र और चीन के साथ 3488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सर्विलांस और इंटेंलिजेंस के जरिए ड्रोन्स की ऑपरेशनल यूटिलिटी को जांचा गया है। ये दोनों मिशन अभी सक्रिय हैं।

अमेरिका ने इस डील के लिए 33,500 करोड़ रुपये की मांग की है। इसके तहत ड्रोन्स के साथ 170 हेलफायर मिसाइलें, 310 जीबीयू-39बी ग्लाइड बम, नेविगेशन सिस्टम, सेंसर शूट्स और मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम सेना को मिलेंगे। हालांकि कीमतों को लेकर भारतीय पक्ष मोलभाव कर रहा है।

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जानिए कब और कहां होगी तैनाती

डील हो जाने के बाद जनरल एटॉमिक्स भारत में ड्रोन्स को बनाएगा और कुछ भारतीय कंपनियों से उपकरणों की खरीद भी करेगा। इसके लिए एमआरओ भी साइन किए जाएंगे। जनरल एटॉमिक्स ड्रोन्स के संचालन के लिए डीआरडीओ के अधिकारियों को ट्रेनिंग भी देगा।

सैन्य बलों को उम्मीद है कि डील होने के कुछ सालों के भीतर 10 एमक्यू-9बी ड्रोन्स तैनात कर दिए जाएंगे। बाकी के ड्रोन्स की सप्लाई हर 6 महीने पर होगी।

इन ड्रोन्स की तैनाती भारतीय समुद्री क्षेत्र में निगरानी के लिए तमिलनाडु के अरक्कोणम और गुजरात के पोरबंदर में की जाएगी। वहीं सरस्वा और गोरखपुर में जमीनी सीमा पर निगरानी के लिए इनकी तैनाती होगी।

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Edited By

Nandlal Sharma

First published on: Aug 14, 2024 10:53 AM

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