कोरोना वायरस एक बार फिर भारत में रफ्तार पकड़ रहा है। कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। विभिन्न राज्यों में गाइडलाइन्स जारी की गई हैं और अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
केरल में सबसे अधिक मामले
केरल में सबसे अधिक सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं नोएडा में भी कोविड-19 के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।
WHO ने जताई चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जाहिर की है। WHO के अनुसार, फरवरी 2025 से ही दुनियाभर में SARS-CoV-2 वायरस की सक्रियता में वृद्धि दर्ज की जा रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, कोविड टेस्ट में पॉजिटिविटी रेट 11% तक पहुंच गई है, जो जुलाई 2024 के बाद का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
भारत में कितने हैं सक्रिय केस?
28 मई 2025 की शाम तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल 1,010 सक्रिय कोरोना मामले हैं। राज्यों के अनुसार विवरण इस प्रकार है:
केरल: 430 सक्रिय मामले, 2 मौतें
महाराष्ट्र: 210 सक्रिय मामले
दिल्ली: 104 सक्रिय मामले
गुजरात: 83
तमिलनाडु: 69
कर्नाटक: 47
उत्तर प्रदेश: 15
राजस्थान: 13
पश्चिम बंगाल: 12
हरियाणा और पुदुचेरी: 9-9
आंध्र प्रदेश: 4
मध्य प्रदेश: 2
तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गोवा: 1-1 सक्रिय मामला
केरल में सामने आए अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण पाए गए हैं और मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। मुंबई में मई महीने में 240 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि बेंगलुरु में भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है, जहां शिशु और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
कहां बढ़ रहे हैं केस?
उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी कोरोना मामलों में वृद्धि देखी गई है। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
कोरोना में काम करने वाले अधिकारी हुए स्थायी
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कोविड समय के दौरान काम करने वाले 2800 से अधिक कर्मचारियों को स्थायी सेवा में रखने का आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 2200 से अधिक लोगों को समायोजित किया गया है और सरकारी अस्पतालों को उन्हें प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करने का आदेश दिया गया है। ब्रजेश पाठक ने एएनआई को बताया, “सरकार ने कोविड के समय काम करने वाले 2800 से अधिक कर्मचारियों को स्थायी रूप से सेवा में रखने का आदेश जारी किया है। 2200 से अधिक लोगों को पहले ही समायोजित किया जा चुका है। शेष के लिए, हमारे सभी अस्पतालों में उन्हें प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करने के लिए कल एक सरकारी आदेश जारी किया गया था । “