बेंगलुरु: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच शनिवार को आयकर विभाग ने बड़ी मात्रा में माया बरामद की है। पता चला है कि इसे चुनाव में झोंकने के लिए ही जमा किया जा रहा था। साथ ही इस मामले में बड़ी बात यह भी है कि यह धन-संपत्ति विधानसभा चुनाव में झोंकी जानी थी और इसे जमा करने वाले दो लोग पति-पत्नी हैं। पतिदेव सिविल कॉन्ट्रैक्टर हैं तो पत्नी महज एक पूर्व पार्षद। इन्होंने बेड पर गद्दे की जगह नोट ही नोट बिछा रखे थे। यहां से 23 बक्सों में 500-500 की करंसी में कुल 42 करोड़ रुपए की माया बरामद करने के बाद बहरहाल, आगे की पड़ताल का क्रम जारी है।
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बेंगलुरु में पूर्व कॉन्ग्रेसी पार्षद और सिविल कॉन्ट्रैक्टर के घर छापा मारकर आयकर विभाग ने 42 करोड़ रुपए किए बरामद, 23 बक्सों में भरे थे 500-500 के नोट
आयकर विभाग को विधानसभा चुनाव, विशेष रूप से राजस्थान के चुनाव में फंडिंग के लिए कनार्टक की राजधानी बेगलुरु में धन जमा किए जाने की गुप्त सूचना मिली थी। विभाग की टीम ने आरटी नगर के पास आत्मानंदा कॉलोनी में स्थित एक फ्लैट में छापा मारा। आयकर विभाग ने यहां से 42 करोड़ रुपए बरामद किए हैं। हालांकि फ्लैट के मालिक के बारे में विभाग के अधिकारी कुछ भी नहीं बता रहे हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह फ्लैट आत्मानंद कॉलोनी में रहती कॉन्ग्रेस पार्टी की नेत्री एवं बीबीएमपी की पूर्व पार्षद अश्वथम्मा और उसके पति आर अंबिकापति का है। यहां 500-500 रुपए के नोटों को 23 बक्सों में यहां बिस्तर के नीचे बिछाया गया था। फिलहाल, विभाग ने इस रकम को कब्जे में लेकर इस संबंध में एक दंपति से पूछताछ शुरू कर दी है।
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ठेकेदार ने भाजपा सरकार पर लगाया था 40 प्रतिशत कमिशन का आरोप
बताया जा रहा है कि अंबिकापति बेंगलुरु में मौजूद बीबीएमपी दो सिविल ठेकेदार एसोसिएशनों में से एक का उपाध्यक्ष है। यह वही शख्स है, जिसने यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पिछली सरकार पर विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर 40% कमीशन लेने का आरोप लगाया था और फिर दिसंबर 2022 में भाजपा के मुनिरत्न ने मानहानि का केस दायर किया तो गिरफ्तारी के बाद अंबिकापति को जमानत पर छोड़ दिया गया था।
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अब भाजपा को कलंकित करने के आरोपी के घर से इतनी बड़ी रकम बरामद होने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो चुकी है। प्रदेश के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी और भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकों ने आरोप लगाया है कि यह धन कॉन्ग्रेस की तरफ से देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अवैध रूप से जुटाया गया है। राज्य में सरकार बनने के चार महीने के भीतर इस स्वघोषित भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के एक सदस्य के घर से इतनी बड़ी बरामदगी इस बात का उदाहरण है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने तो यहां तक भी कहा है कि बीबीएमपी द्वारा चुनिंदा ठेकेदारों को 650 करोड़ रुपए जारी करने के बाद आयकर अधिकारियों ने 42 करोड़ रुपए बरामद होना साबित करता है कि धन संग्रह तो जरूर हो रहा है। हालांकि यह बरामदगी कुल जमा का कितना प्रतिशत है? इस साजिश के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन सवालों का जवाब मिलना अभी संभव नहीं है। यह तो आने वाली जांच ही तय कर पाएगी। दूसरी ओर, कुछ बाहरी सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि बरामद की गई 42 करोड़ रुपए की रकम का कनेक्शन बैंगलोर कैश डेवलपमेंट ऑथोरिटी से संबंधित है और इसे पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भेजे जाने की तैयारी थी।