MS Swaminathan’s Daughter Statement: डॉक्टर स्वामीनाथन के देहांत की सूचना पर पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश की बड़ी क्षति बताते हुए दुख जताया है। उधर स्वामीनाथन के बेटी ने कहा है कि वह अपने पिता के मिशन को अंत तक पहुंचाएंगी।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, पूर्व उप महानिदेशक और एमएस स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पिता तबीयत ठीक नहीं थी। आज सुबह यानी गुरुवार को उनका निधन हो गया। डॉ. सौम्या ने कहा कि वे अंत तक किसानों के कल्याण और समाज में गरीबों के उत्थान के लिए काम करते रहे। परिवार की ओर से मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
#WATCH | Dr Soumya Swaminathan, former Chief Scientist and former Deputy Director General at the WHO and daughter of MS Swaminathan, says, "…He was not keeping well for the last few days… His end came very peacefully this morning… Till the end, he was committed to the… https://t.co/n8B313Q2et pic.twitter.com/0BKDqqXbse
— ANI (@ANI) September 28, 2023
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मां-पिता जी की विरासत को हम संभालेंगे
डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मुझे आशा है कि हम तीनों बेटियां (तीनों बहनें) उस विरासत को जारी रखूंगा, जो मेरे पिता और मेरी मां मीना स्वामीनाथन ने हमें दिखाई है। मेरे पिता उन कुछ लोगों में से एक थे, जिन्होंने माना कि कृषि में महिलाओं की उपेक्षा की जाती है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की थी।
उनके विचारों ने महिला सशक्तिकरण योजना जैसे कार्यक्रमों को जन्म दिया। इसका उद्देश्य महिला किसानों का समर्थन करना था। जब वह छठे योजना आयोग के सदस्य थे, तो पहली बार लिंग और पर्यावरण पर एक अध्याय शामिल था। ये दो योगदान हैं जिन पर उन्हें बहुत गर्व था।
स्वामीनाथन की तीन बेटियां करती हैं ये काम
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की हरित क्रांति में अपनी अग्रणी भूमिका के लिए प्रसिद्ध स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में उम्र संबंधी समस्याओं के कारण यहां उनके आवास पर निधन हो गया। डॉक्टर सौम्या के अलावा स्वामीनाथन की दो और बेटियां हैं। इनमें पहली मधुरा स्वामीनाथन, जो भारतीय सांख्यिकी संस्थान, बैंगलोर में प्रोफेसर हैं और दूसरा नित्या राव, जो यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया में एनआईएसडी में निदेशक हैं। बताया गया है कि उनकी पत्नी मीना स्वामीनाथन का पिछले साल मार्च में निधन हो गया था।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी के निधन से गहरा दुख हुआ। हमारे देश के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय में कृषि में उनके अभूतपूर्व काम ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। पीएम मोदी ने कहा कि कृषि में अपने क्रांतिकारी योगदान से परे डॉ. स्वामीनाथन नवाचार के पावरहाउस और कई लोगों के लिए एक संरक्षक थे। अनुसंधान और मार्गदर्शन के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने अनगिनत वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
यहां जन्मे थे स्वामीनाथन
7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन का जन्म हुआ, जिन्हें एमएस स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता है। वे अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसने भारतीय कृषि और वैश्विक खाद्य सुरक्षा के परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया है। कृषि और आनुवंशिकी की दुनिया में स्वामीनाथन की आजीवन यात्रा 1943 के बंगाल अकाल के दौरान एक महत्वपूर्ण क्षण से प्रभावित थी, जिसमें चावल की भारी कमी के कारण अनगिनत लोगों की जान चली गई थी।