नई दिल्ली: शिवसेना में जारी घमासान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इस दौरान शिंदे पक्ष के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए। इन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट में बात रखने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए। वहीं उद्धव ठाकरे की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है कि शिवसेना का 2018 का संविधान रिकॉर्ड पर नहीं है। इसलिए, विधायक दल में बहुमत के हिसाब से सुनवाई करेंगे।
कौल ने कहा कि इन्होंने पहले भी सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक की मांग की थी, जो नहीं मिली थी। अब फिर कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में विवाद के बाकी मामले लंबित हैं। इसलिए इसे भी सुनिए। लेकिन यह कोई आधार नहीं। इसके बाद कौल ने कहा कि 2018 में एक पार्टी संविधान बना दिया गया कि सारे अधिकार अध्यक्ष के पास ही रहेंगे। इस तानाशाही भरे संविधान की जानकारी भी चुनाव आयोग को नहीं दी गई। उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ अयोग्यता की कार्रवाई लंबित होना किसी विधायक को सदन के कामकाज से वंचित नहीं करता।
बता दें कि इस मामले पर पांच जजों की संविधान पीठ इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दीं। उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार को याचिका दाखिल कर अर्जेंट सुनवाई की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए बुधवार का समय दिया था।