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Haldwani Protest: सर्द रात में आशियाना बचाने के लिए जुटे 4,000 परिवार, सड़कों पर उतरे हजारों लोग; जानें क्या है मामला

नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास बसे बस्ती के 4000 परिवारों के लिए नया साल अच्छा नहीं रहा। समाचार पत्र पिछले एक सप्ताह से रेलवे के जमीन पर अवैध अतिक्रमणों को खाली करने के लिए उत्तर-पूर्वी रेलवे द्वारा जारी किए गए नोटिसों को छापा। चेतावनी दी गई कि अगर जगह खाली नहीं […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Jan 5, 2023 13:05
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नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास बसे बस्ती के 4000 परिवारों के लिए नया साल अच्छा नहीं रहा। समाचार पत्र पिछले एक सप्ताह से रेलवे के जमीन पर अवैध अतिक्रमणों को खाली करने के लिए उत्तर-पूर्वी रेलवे द्वारा जारी किए गए नोटिसों को छापा। चेतावनी दी गई कि अगर जगह खाली नहीं किया गया तो सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी।

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हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहते हैं हजारों लोग

इसके बाद लाउडस्पीकरों से बार-बार घोषणा की गई, लोगों को जमीन खाली करने के लिए कहा गया, गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास की झुग्गियों में व्यापक दहशत फैल गई। तब से, हल्द्वानी में विरोध करने के लिए सैकड़ों लोग, ज्यादातर महिलाएं दोपहर की नमाज के बाद 8 जनवरी को होने वाली विध्वंस प्रक्रिया को रोकने की मांग कर रहे हैं।

इलाके में 20 मस्जिद और 9 मंदिर

पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। उत्तराखंड हाई कोर्ट की तरफ से अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद इन अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 4300 से ज्यादा परिवारों को बेदखली का नोटिस भेजने की तैयारी है। इस इलाके में 20 मस्जिद और 9 मंदिर हैं।

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रेलवे का दावा है कि उसके पास पुराने नक्शे, 1959 की एक अधिसूचना, 1971 के राजस्व रिकॉर्ड और 2017 के सर्वेक्षण के नतीजे हैं, जो जमीन पर अपना स्वामित्व साबित करते हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वे यहां पीढ़ियों से रह रहे हैं। कई परिवार जो दशकों से इन घरों में रह रहे हैं, वे इस आदेश का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 5 जनवरी को याचिका पर सुनवाई करने वाला है। हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार से मांग करते हैं कि यह मानवीय समस्या है। इसे केवल कानूनी या राजनीतिक समस्या के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तियों के लिए मलिन बस्ती नियमितीकरण कानून बनाया था।

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Written By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jan 04, 2023 04:01 PM

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