New Parliament House: 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नए संसद का उद्घाटन करेंगे। विपक्ष राष्ट्रपति या लोकसभा अध्यक्ष से उद्घाटन कराए जाने की मांग कर रहा है। इसके चलते 19 दलों ने उद्घाटन समारोह का बायकॉट कर दिया है। बायकॉट करने वालों में कांग्रेस भी शामिल है, लेकिन पूर्व कांग्रेस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाब नबी आजाद ने कांग्रेस पर ही निशाना साधा। आजाद ने कहा कि 32 साल पहले कांग्रेस ने ही नया संसद भवन बनाने के लिए सोचा था।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज से 30-32 वर्ष पहले जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तब शिवराज पाटिल ने कहा था कि 2026 से पहले नया और बड़ा संसद भवन बनना चाहिए। क्योंकि 2026 तक अंकुश लगा है कि संसद की सीटें बढ़ाई नहीं जा सकती हैं।
At the time when PV Narasimha Rao was the PM, Shivraj Patil was the Speaker & I was the Parliamentary Affairs minister, Shivraj ji had said to me that a new & bigger Parliament building should be constructed before 2026. The construction of a new building was necessary, it's good… pic.twitter.com/1XLnHxhqC3
— ANI (@ANI) May 24, 2023
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जिसकी सरकार होती, उसे ही बनवाना पड़ता
पूर्व सीएम आजाद ने कह कि जहां तक नया संसद भवन बनाने की बात है तो यह नई बात नहीं है यह 32 साल पहले कांग्रेस की ही सोच थी। अब कोई इसका बहिष्कार करता है, नहीं जाता है तो इस पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है। सरकार कोई भी होती तो उसे इसे बनाना ही पड़ता।
राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।
संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2023
राहुल गांधी बोले- संसद अहंकार के ईंटों से नहीं बनती
कांग्रेस और 18 अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विपक्षी दलों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बिना भवन का उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति के उच्च पद का अपमान करना है। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति मुर्मू को दरकिनार करने का आरोप लगाया।
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वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना, ये देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
इन दलों ने किया है उद्घाटन समारोह का बहिष्कार
कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिव सेना (यूटीबी), समाजवादी पार्टी, सीपीआई, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरला कांग्रेस, वीसीके, राष्ट्रीय लोकदल, टीएमसी, जनता दल यूनाइटेड, एनसीपी, सीपीआई (एम), राष्ट्रीय जनता दल, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएसपी, एमडीएमके।
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